जिले क्राइम के ग्राफ में नहीं हुई है बढ़ोतरी: डीजीपी

उन्होने कहा कि लूट, डकैती, चोरी, अपहरण आदि आपराधिक घटनाओं में पहले की अपेक्षा काफी कमी आई है. तीस वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि साल में 50 से 60 हत्या की वारदातें हुई हैं. इनमें से कई मामलों के उद्भेदन के क्रम में यह बात सामने आई है कि पड़ोसी जिलों में भी हत्या कर लोग बक्सर जिला में फेंक देते हैं.

 

- बक्सर पहुंचे डीजीपी ने मातहतों के साथ की अपराधिक वारदातों की समीक्षा
- भूमि विवाद के मामलों में हत्या की वारदातों में आई है तेजी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में अपराध के ग्राफ में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कई बार ऐसा देखा गया है कि पड़ोसी राज्य तथा जिलों मैं हत्या के बाद शव को जिले की सीमा में फेंक दिया जाता है. हालांकि भूमि विवाद के मामले कुछ बढ़े हैं, जिनमें हत्या आदि की वारदात भी सामने आई है. इस तरह के विवादों को पंचायत स्तर पर सुलझाया जा रहा है. 30 वर्षों के आंकड़ों के अध्ययन के बाद माना जा रहा है कि क्राइम का ग्राफ ज्यादा नहीं बढ़ा है.

उक्त बातें शनिवार को बक्सर पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कही. वे यहां पुलिस पदाधिकारियों के साथ अपराध की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा के बाद वे अपने गांव गेरूआबांध भी गए.  इस क्रम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होने कहा कि लूट, डकैती, चोरी, अपहरण आदि आपराधिक घटनाओं में पहले की अपेक्षा काफी कमी आई है. तीस वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि साल में 50 से 60 हत्या की वारदातें हुई हैं. इनमें से कई मामलों के उद्भेदन के क्रम में यह बात सामने आई है कि पड़ोसी जिलों में भी हत्या कर लोग बक्सर जिला में फेंक देते हैं. ऐसी वारदातों को जिले के अपराध से नहीं जोड़ा जा सकता है.













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