आरटीआई कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लगाए अपराधियों से गठजोड़ का आरोप ..

जिसके कारण ऐसा लगता है जैसे अपराधी और पुलिस का गठजोड़ हो गया हो. वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने के लिए गृह विभाग ने निर्देश जारी किए हैं हालांकि, उन निर्देशों का अनुपालन पुलिस नहीं कर पाती.

 

- आरटीआई कार्यकर्ताओं ने कहा सुरक्षा को लेकर गृह विभाग के निर्देशों का भी अनुपालन नहीं
- डुमराँव थाना कांड संख्या 128/20 से जुड़ा है मामला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आरटीआई कार्यकर्ता पर हुए हमले में तीन माह बाद भी डुमरांव पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. साथ ही सीसीटीवी कैमरे में कैद अहम सबूत भी नष्ट हो चुके हैं. ऐसे में आरटीआई कार्यकर्ता ने इसे पुलिस और अपराधियों का गठजोड़ बताते हुए इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने बताया है कि डुमराँव थाने की पुलिस तथा वरीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा इस मामले में सुस्ती बरती गई है जिसके कारण ऐसा लगता है जैसे अपराधी और पुलिस का गठजोड़ हो गया हो. वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने के लिए गृह विभाग ने निर्देश जारी किए हैं हालांकि, उन निर्देशों का अनुपालन पुलिस नहीं कर पाती.

दरअसल, डुमराँव के रहने वाले तथा नगर परिषद कटरे में अपनी कोरियर की दुकान चलाने वाले आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार पर 29 जून को व्यस्त नगर परिषद प्रांगण स्थित दुकान में घुसकर चार अपराधियों ने हमला किया था. इसके बाद अब पुलिसिया जांच के दौरान सबूत भी नष्ट होने जा रहे हैं.

डुमरांव पुलिस की तत्परता का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि घटना के तीन माह बाद भी पुलिस इस मामले में कुछ भी पता लगा सकने में विफल रही है. यहाँ तक कि की थाने से महज 200 कदमों की दूरी को  पुलिस द्वारा 56 दिनों में तय कर पीड़ित से पूछताछ की गई. ऐसे में अपराधियों की शिनाख्त तो दूर आज तक घटना के कारणों का भी खुलासा नहीं हो पाया है. जबकि, विनोद कुमार ने घटना के दिन ही पुलिस को इसकी जानकारी दी थी. इस पूरे माजरे का गवाह डुमरांव नगर परिषद कार्यालय की सीसीटीवी पुलिस द्वारा तीन माह बाद देखने की जहमत नहीं उठाई. इस आलोक में पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार का कहना है कि डुमरांव पुलिस की उदासीनता से गुंडों और अपराधियों का नगर में मनोबल बढ़ता जा रहा है. अंदरखाने में चर्चा यह भी है कि नगर परिषद में जनता का पैसा घोटाला करने वालों ने इस हमले को कराया था. आरटीआई कार्यकर्ता ने कई योजनाओं में जानकारी मांग नगर परिषद में अनियमितता को उजागर किया था, उससे कुछ सफेदपोश नाराज थे. ताकतवर लॉबी के घटना में संलिप्तता के कारण ही पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है.

हालांकि, पुलिस ने मामले को गंभीरता से देखने की बात कही है एसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि वह स्वयं मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.














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