पथ निर्माण विभाग ने डुबा दिए नप के 20 लाख रुपये ..

उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग के द्वारा सड़क निर्माण के दौरान भारी अनियमितता बरती जा रही है. जलापूर्ति की पाइपें तोड़े जाने के कई मामले सामने आए हैं. नया बाजार बीडीओ ब्लॉक के समीप बनाई गई नाली को सड़क के नीचे दबाया जा रहा है. उन्होंने कहा ऐसा करने से जल निकासी की भयंकर समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

पूरी तरह ढंक चुकी नाली

 

- सड़क निर्माण के दौरान ध्वस्त हो रही लाखों रुपयों से बनी नाली
- पथ निर्माण ने बताया सड़क क्षेत्र में बनाई गई है नाली

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  नगर की महत्वपूर्ण सड़कों में शामिल अंबेडकर चौक से बाजार समिति नया बाजार बाजार के रास्ते चौसा बक्सर मुख्य मार्ग में मिलने वाले सड़क के निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हालांकि, निर्माण के दौरान कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आ रही हैं। कभी जलापूर्ति के पाइपों को तोड़ देने की शिकायत मिल रही है तो कभी पुरानी नालियों को ध्वस्त करने की बात भी सामने आ रही है.

ऐसा ही एक मामला नया बाजार के वार्ड संख्या आठ के इलाके में सामने आया है जहां तकरीबन 20 लाख रुपये की लागत से बने नाले को सड़क के नीचे दबा दिया गया है. ऐसे में अब समस्या यह है कि, नाला जाम होने की स्थिति में सड़क तोड़ने के अलावा कोई भी विकल्प सामने नहीं रहेगा.


इस संदर्भ में स्थानीय वार्ड पार्षद निर्मला देवी ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग के द्वारा सड़क निर्माण के दौरान भारी अनियमितता बरती जा रही है. जलापूर्ति की पाइपें तोड़े जाने के कई मामले सामने आए हैं. नया बाजार बीडीओ ब्लॉक के समीप बनाई गई नाली को सड़क के नीचे दबाया जा रहा है. उन्होंने कहा ऐसा करने से जल निकासी की भयंकर समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

वार्ड पार्षद ने कहा कि पूर्व में जहां पथ निर्माण विभाग के द्वारा बताया गया था कि, अंबेडकर चौक से नया बाजार होते हुए मठिया मोड़ तक सड़क के साथ ही नाली का निर्माण भी किया जाएगा वहीं, अब नाली केवल अंबेडकर चौक से पांडेय पट्टी रेलवे क्रासिंग तक बनाई जा रही है. बताया यह जा रहा है कि स्टीमेट कम होने के कारण ऐसा किया जा रहा है. जबकि, बार-बार कार्यपालक अभियंता से एस्टीमेट मांगने पर वो स्टीमेट भी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. ऐसे में उन्होंने यह आशंका जताई है कि, कोई बहुत बड़ा घपला इस मामले में किया जा रहा है.

उधर, इस मामले में जानकारी लेने के लिए जब पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता भरत लाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि, जिस नाली को सड़क के नीचे दबाने की बात कही जा रही है वह नाली असल में सड़क के क्षेत्र में आ रही है.ऐसे में उसे ढका गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि, नगर परिषद के द्वारा नाले के निर्माण के दौरान गलती की गई है. जबकि वह अंचलाधिकारी के द्वारा नापी के बाद ही सड़क निर्माण कर रहे हैं. ऐसे में सड़क के क्षेत्र में सीढ़ी, नाली अथवा की कोई अतिक्रमण आएगा तो उसे ध्वस्त करना ही होगा.

बहरहाल, नगर परिषद तथा पथ निर्माण विभाग के इस लड़ाई के बीच लोगों के सामने जल निकासी की भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. अब देखना यह होगा कि इस विवाद का क्या हल निकलता है. वहीं, सवाल यह भी है की जनता के 20 लाख रुपयों को इस तरह बर्बाद कर देना कहां तक उचित है?



















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