चौसा थर्मल प्लांट के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज ..

जमीन मालिक ने कहा है कि कंपनी के द्वारा गलत तरीके से एग्रीमेंट करा लिया गया और अब पैसे के लिए बार-बार दौड़ाया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में मुकदमा कराया था जिसके आलोक में मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.  





- अधिग्रहित क्षेत्र के भूस्वामी ने लगाया है धोखाधड़ी का आरोप
- कहा, एग्रीमेंट कराने के बावजूद नहीं दिया गया है मुआवजा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: चौसा स्थित एसजेवीएन पावर प्लांट के वरीय अधिकारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी तथा अन्य धाराओं के अंतर्गत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेशानुसार मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मिली जानकारी के मुताबिक एसजेवीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव सूद और उनके अधीनस्थ अधिकारी आर. एन. बनर्जी, रवि राजन और पप्पू कुमार के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर भारतीय दंड विधान की धारा 409, 420, 423, 427, 468, 504 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. दरअसल, थर्मल पावर प्लांट के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.



जमीन मालिक ने कहा है कि कंपनी के द्वारा गलत तरीके से एग्रीमेंट करा लिया गया और अब पैसे के लिए बार-बार दौड़ाया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में मुकदमा कराया था जिसके आलोक में मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. थानाध्यक्ष ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. 




वहीं, इस संदर्भ में पूछे जाने पर कंपनी के अधिकारी रथींद्र नाथ बनर्जी ने बताया कि भू-मालिक मुस्ताक खान के द्वारा इस तरह का आरोप लगाया गया है जो कि पूर्णत: निराधार. है उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ दलाल सक्रिय हैं जो कृषि योग्य जमीन को व्यवसायिक बताकर उसका मुआवजा दिलाने का प्रलोभन भू-मालिक को दे रहे हैं हालांकि, मुआवजा आदि देने के लिए सीधे तौर पर कंपनी उत्तरदायी नहीं है. प्रशासन के द्वारा जमीन की किस्म जो बताई जाएगी उसके आधार पर ही मुआवजा प्रशासन के माध्यम से दिया जाएगा.









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