अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर बुद्धिजीवियों ने जताया रोष, महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन ..

उससे यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र पुलिस अब पुलिस में होकर अपराधी बन गई है. अर्नब गोस्वामी को ऐसे मामले में गिरफ्तार किया गया है जो मामला बहुत पहले ही बंद हो गया था. मामले को पुनः खोलने के लिए न्यायालय से अनुमति लेने की आवश्यकता थी लेकिन, पुलिस ने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी की है वह सबके सामने है. 

 

- बक्सर में भोजपुरी बचाओ आंदोलन के संयोजक ने जताया रोष
- डुमराँव में विद्यार्थी परिषद ने किया पुतला दहन


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद देशभर में जहां उनके पक्ष में  प्रदर्शन किए जा रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ  बक्सर में भी बुद्धिजीवियों ने इस घटना की निंदा की है. "भोजपुरिया करे पुकार" के राष्ट्रीय संयोजक नंद कुमार तिवारी ने कहा कि, केवल पत्रकार ही नहीं किसी भी व्यक्ति के मानव अधिकारों की रक्षा करना हर सरकारी सेवक का कर्तव्य होना चाहिए. महाराष्ट्र पुलिस जिस तरह लगातार अपना व्यवहार प्रदर्शित कर रही है. उससे यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र पुलिस अब पुलिस में होकर अपराधी बन गई है. अर्नब गोस्वामी को ऐसे मामले में गिरफ्तार किया गया है जो मामला बहुत पहले ही बंद हो गया था. मामले को पुनः खोलने के लिए न्यायालय से अनुमति लेने की आवश्यकता थी लेकिन, पुलिस ने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी की है वह सबके सामने है. 

उधर, गिरफ्तारी की इस घटना की निंदा करने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद डुमरांव इकाई के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय डीके कॉलेज डुमरांव के मेन गेट के पास महाराष्ट्र प्रशासन एवं महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन किया .

कार्यक्रम का नेतृत्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद डुमरांव के नगर मंत्री उत्तम पाठक ने किया. वहीं, संचालन प्रदेश कार्यसमिति सदस्य लक्ष्मण कुमार ने किया. कार्यक्रम के उपरांत एक सभा का आयोजन किया गया. 

सभा को संबोधित करते हुए विद्यार्थी परिषद के बक्सर एवं भोजपुर जिले के विभाग संयोजक दीपक यादव ने कहा कि, महाराष्ट्र सरकार एवं प्रशासन द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ एक पत्रकार के साथ निर्मम व्यवहार किया जा रहा है वह भी इसलिए की उस पत्रकार ने देश विरोधी ताकतों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. उन्होंने पालघर में हुए संतों की हत्या आवाज उठायी थी. बिहार के बेटे सुशांत सिंह राजपूत के हत्या मामले में रुचि दिखाते हुए बॉलीवुड के माफियाओं का काला चेहरा उजागर किया था. शिवसेना के चरित्र को लोगों के सामने उजागर किया था. यही कारण है कि महाराष्ट्र की सरकार एवं महाराष्ट्र प्रशासन के द्वारा उस पत्रकार के साथ आतंकवादियों वाला व्यवहार किया जा रहा है ये कहीं ना कहीं लोकतंत्र पर हमला है और लोकतंत्र के प्रहरी की आवाज दबाने की साजिश है, जिसे विद्यार्थी परिषद कभी बर्दाश्त नहीं करेगा अगर अर्नब गोस्वामी को न्याय नहीं मिला तो परिषद कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन को तैयार हैं. प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संटू मित्रा ने कहा कि, सरकार हिंदू विरोधी गठजोड़ के साथ काम कर रही है और हिंदुत्व समर्थित जो लोग हैं उसको दबाने के लिए महाराष्ट्र सरकार का यह कुकृत्य निंदनीय है. 

मौके पर विष्णु शंकर सोनी उदय कुमार अभिषेक वर्मा समेत कई लोगों ने सभा को संबोधित किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन नगर सह मंत्री शुभम सिन्हा ने किया. 

इस दौरान गोलू, लाला, रितिक कुमार, विनोद पाठक, दीपक दूबे, राजा बाबू, मनोज चौधरी, मनोज चौधरी, बिट्टू, गोलू, गगन समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे.



















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