सरकार के द्वारा पूरे बिहार में पराली जलाने पर रोक के बाद जिला प्रशासन लगातार किसानों से यह अनुरोध कर रहा है कि किसान खेतों में पराली ना जलाएं. यह भी बताया जा रहा है कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है. बावजूद इसके किसान बात मानने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सेटेलाइट के द्वारा निगरानी के पश्चात मिले आंकड़ों के आधार पर जिले के 110 किसानों का निबंधन रद्द करते हुए उन्हें कृषि योजनाओं के तहत मिलने वाले अनुदान आदि से वंचित कर दिया गया है.
- जाँच में सही मिला आरोप, अब सरकारी योजनाओं से होंगे वंचित
- जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा की गई कार्रवाई.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार के द्वारा पूरे बिहार में पराली जलाने पर रोक के बाद जिला प्रशासन लगातार किसानों से यह अनुरोध कर रहा है कि किसान खेतों में पराली ना जलाएं. यह भी बताया जा रहा है कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है. बावजूद इसके किसान बात मानने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सेटेलाइट के द्वारा निगरानी के पश्चात मिले आंकड़ों के आधार पर जिले के 110 किसानों का निबंधन रद्द करते हुए उन्हें कृषि योजनाओं के तहत मिलने वाले अनुदान आदि से वंचित कर दिया गया है.
हाल में ही बिहार सरकार के कृषि सचिव का बक्सर आगमन हुआ था. इस दौरान उन्होंने दो कृषि समन्वयकों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की थी वहीं, कई किसानों के निबंधन को रद्द करते हुए 3 साल तक उन्हें सरकारी लाभ से वंचित करने का निर्णय सुनाया गया था. इसी बीच जिला कृषि पदाधिकारी के निर्देश पर लगातार सेटेलाइट से जिले भर के खेतों की निगरानी की जा रही है. जिसके आधार पर जिले के विभिन्न प्रखंडों के 110 किसानों को चिन्हित किया गया था जिन्होंने खेतों में पराली जलाई थी जिसके कृषि समन्वयकों द्वारा पुष्टि किए जाने के पश्चात सभी किसानों का निबंधन रद्द करते हुए उन्हें कृषि यंत्रों में छूट, विभिन्न अनुदान तथा अन्य कृषि संबंधी योजनाओं के लाभों से वंचित कर दिया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती के मुताबिक किसान अगर बार-बार यह गलती दोहराते रहेंगे तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी.
किस प्रखंड में कितने किसानों पर हुई है कार्रवाई?
प्रखंड किसानों की संख्या
ब्रह्मपुर 2
इटाढ़ी 39
राजपुर 13
चौसा 9
डुमराँव 12
बक्सर 19
नावानगर 7
केसठ 7
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