राम कलेवा के साथ संपन्न हुआ 51 वां सिय-पिय मिलन महोत्सव ..

नगर के नया बाजार स्थित श्री सीता विवाह महोत्सव आश्रम में आयोजित 10 दिवसीय 51 वां सिय-पिय मिलन महोत्सव अगहन शुक्ल पंचमी शनिवार को सिय-रघुवीर विवाह के साथ सम्पन्न हो गया. विवाह के दौरान नया बाजार में अलौकिक दृश्य देखने को मिला. कोरोना काल में तमाम सतर्कताओं के बीच राम विवाह संपन्न हुआ.

 





- विधि विधान के साथ भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों का हुआ विवाह
- जनकपुर में दुल्हे सरकार से मां, बहनों, पिताजी व बाबा का नाम पूछ सखियों ने उड़ाया मजाक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के नया बाजार स्थित श्री सीता विवाह महोत्सव आश्रम में आयोजित 10 दिवसीय 51 वां सिय-पिय मिलन महोत्सव अगहन शुक्ल पंचमी शनिवार को सिय-रघुवीर विवाह के साथ सम्पन्न हो गया. विवाह के दौरान नया बाजार में अलौकिक दृश्य देखने को मिला. कोरोना काल में तमाम सतर्कताओं के बीच राम विवाह संपन्न हुआ. बारात में गुरु वशिष्ठ व राजा दशरथ तथा चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न जनकपुर के राजा जनक के द्वार पहुंचते हैं. इस दौरान बारात में शामिल श्रद्धालुगण गाते-थिरकते नजर आए महाराज जनक के द्वार पर द्वारपूजा की रस्म पूरी की जाती है. द्वार पूजा के बाद पुनः चारों भाई जनवासे में लौट जाते हैं. इस दौरान विवाह लीला की देखने के लिए दूर-दराज से कई श्रद्धालु पूरी रात इस अलौकिक दृश्य के साक्षी बन स्वयं की अभिभूत महसूस कर रहे थे.


द्वार पूजा के साथ हुआ विवाह का शुभारंभ: 

रात्री नौ बजे द्वारपूजा के साथ आरम्भ हुए विवाह समारोह में दर्जनों महिलायें सजधज कर द्वारपूजन के लिए तैयार रही. इस दौरान उन्होंने पुष्प वर्षा की. महिलाएं नाचते-गाते हुए नजर आयी.




लोढ़े से हुआ सुकुमार दूल्हों का परिछन, सीता की सखियों ने उड़ाया मजाक: 

द्वार पूजा के बाद लौट कर जनवासे में विराजमान चारों दूल्हा सरकार पुनः विवाह की रस्म आगे बढ़ाने के लिए पालकी पर सवार होकर राजा जनक के द्वार पर पहुंचते हैं जहां सिया जी की सखियां भगवान की आरती उतारती हैं और लोढ़ा लेकर परिछन करने की विधि सम्पन्न कराती हैं. इसके बाद पुनः चारों दूल्हा मंडप में आते हैं और धानकुटन की विधि की जाती हैं. इस दौरान सखियां दुल्हों से मां, बहनों, पिता जी व बाबा का नाम पूछकर मजाक उड़ाती हैं और धानकुटन की विधि सम्पन्न कराती हैं. इस दौरान जनकपुर के चार लोग दूल्हों की मदद करने के लिए  मण्डप में आते हैं इसी दौरान चारों दूल्हा सरकारों को कच्चे धागे के बंधन से बांधने की विधि पूरी की जाती है.






कन्या परीक्षण विधि में सखियों के मज़ाक में फंस गए चुलबुलवा दूल्हा:

इसके बाद कन्या परीक्षण की विधि शुरु की जाती है, जिसमें चारों भाइयों के हाथों में आम का पल्लव देती हैं और अपनी दुल्हन के उपर डाल कर उन्हें पहचानने को कहती हैं. जिसमें तीन भाई तो अपनी दुल्हन को पहचान लेते हैं परंतु, लक्ष्मण जी के साथ सखियां मजाक कर देती हैं और दुल्हन के जगह पुरूष को बैठा देती हैं क्योंकि, लक्ष्मण सबसे ज्यादा चुलबुले दुल्हा है और अपने को सबसे चतुर दुल्हा मानते हैं. जैसे ही दुल्हन के रुप में मौजूद जनकपुर के पुरुष सामने आते हैं. वह लक्ष्मण से अनुरोध करते हैं कि वह उसे भी साथ अयोध्या ले चलने की ज़िद करने लगता है. बाद में लक्ष्मण को उनकी असली दुल्हन के दर्शन कराए जाते हैं.
महंत राजाराम शरण दास जी ने पूरी कराई कन्यादान की रस्म:

इसके बाद शुरु होती है विवाह की रस्म जिसमें चारों कन्याओं सीता, उर्मिला, मांडवी एवं श्रुतिकीर्ति को महाराज जनक जी व उनकी पत्नी द्वारा कन्यादान की रस्म पूरी कराई जाती है. कन्यादान के साथ ही लावा मिलाई की रस्म करवाई जाती है जिसमें आश्रम के महंत राजाराम शरण दास जी महाराज स्वयं इस रस्म को पूरा करवाते है.

मौजूद रहे साधु-संत व जनप्रतिनिधि, देर रात तक चला कार्यक्रम:

विवाह कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोगों में सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी भाजपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी प्रदीप दूबे, संतों में वृंदावन के राम मोहन दास, रामभद्र दास, के साथ ही राम बालक दास, जानकी शरण दास, रघुवर दास, अयोध्या धाम के सुंदर दास एवं रघुनंदन दास सहित कई भक्त और संत शामिल रहे. ठंढ के मौसम में भी लोग पूरी रात वहाँ से टस से मस नहीं हुए.

रामकलेवा के साथ संपन्न हुआ 51 वां सिय पिय मिलन महोत्सव: 

इसके साथ ही महर्षि खाकी बाबा सरकार के 51 वें निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित सिय-पिय मिलन महोत्सव संपन्न हो गया. कोरोना काल में आयोजन का स्वरूप भले ही छोटा था लेकिन, लोगों की आस्था के आगे कार्यक्रम की भव्यता कम नहीं हुई.








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