देशी केक काट कर मनायी भोजपुरी के क्रांतिदूत की जयंती ..

कहा कि प्रत्येक वर्ष "डाब" द्वारा भिखारी ठाकुर की जयंती को बड़े ही धूम धाम से रंगारंग कार्यक्रम के साथ मनाया-जाता है, परन्तु इस बार कोविड-19 के चलते साधारण तरीके से मनाया जा रहा है. श्री संगम ने कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरी के महानायक थे. उनके द्वारा रचित कृतियों ने विश्व इतिहास में भोजपुरी को अमिट पहचान दिलाई है. आज के परिवेश में भिखारी ठाकुर की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक है. 

 





- किला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किए गए मिट्टी के लाल         
- वक्ताओं ने की भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डिस्ट्रिक्ट आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ बक्सर "डाब" द्वारा शुक्रवार को रामलीला मंच के विशाल हॉल में भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की जयंती समारोह सहोल्लास मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश संगम व संचालन महासचिव हरिशंकर गुप्ता ने किया. वहीं,  धन्यवाद ज्ञापन प्रख्यात साहित्यकार ओमप्रकाश केसरी "पवननंदन" ने किया. 
       



कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में पधारे सदर अनुमण्डल पदाधिकारी श्री कृष्ण कुमार उपाध्याय व "डाब" के संरक्षक व प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. महेन्द्र प्रसाद द्वारा संयुक्त रूप से भिखारी ठाकुर के तैल चित्र पर  माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया. उसके बाद 56 प्रकार के लोक व्यंजनों का भोग लगाया गया और देसी केक काटकर भोजपुरी के महानायक का जन्मदिन मनाया गया. इस मौके पर एसोसिएशन द्वारा दो लोगों को सम्मानित भी किया गया. जिसमें सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु बक्सर चैम्बर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष श्री सत्यदेव प्रसाद व साहित्यिक क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए साहित्यकार श्री अतुल मोहन भारवि जी को भोजपुरी रत्न सम्मान से नवाजा गया. इस दौरान स्थानीय व क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा भिखारी ठाकुर रचित गीत  जिसमें.." रे सजनी रे, रे सजनी रे, रे सजनी, पिया गईले कलकतवा रे सजनी" और " ए बटोरी भईया पिया मोरे गईले परदेश" गाया गया. 






इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश संगम ने बताया कि विगत 277 वर्षो से संस्था द्वारा स्थानिय व क्षेत्रीय कलाकारों के लिए अनवरत सेवा देने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष "डाब" द्वारा भिखारी ठाकुर की जयंती को बड़े ही धुम धाम से रंगारंग कार्यक्रम के साथ मनाया जाता है, परन्तु इस बार कोविड-19 के चलते साधारण तरीके से मनाया जा रहा है. श्री संगम ने कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरी के महानायक थे. उनके द्वारा रचित कृतियों ने विश्व इतिहास में भोजपुरी को अमिट पहचान दिलाई है. आज के परिवेश में भिखारी ठाकुर की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक है. 

वहीं महासचिव हरिशंकर गुप्ता ने कहा कि समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, विसंगतियों अन्याय, शोषण के विरुद्ध भिखारी ठाकुर ने विदेशिया, गबरघिचोर, बेटी बेचवा समेत कई सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से जो प्रहार किया है वह अविस्मरणीय है. 
  
बैठक में डॉब के अध्यक्ष सुरेश संगम,  महासचिव हरिशंकर गुप्ता, रवि वर्मा, अभिषेक जयसवाल, वरिष्ठ साहित्यकार अरूण मोहन भारवि, वरिष्ठ समाजसेवी व भोजपुरी साहित्य मंडल के पदाधिकारी अनील त्रिवेदी, रेडक्रास सोसाइटी के सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, प्रख्यात कवि व गजलगो कुमार नयन, संजय सिंह राजनेता, बुलबुल जी, अरूण कुमार श्रीवास्तव, दिव्यांग देवा, बाल गायक श्रियांशु श्रीवास्तव, विश्वकर्मा, सिंगर पंकज सिंह, मुन्ना साहनी, अविनाश मिश्रा, रवि शर्मा ,कन्हैया केसरी, मिश्रा जी,दीपक सिंह, सोनू कुमार, डॉक्टर जी कुमारी, तनीषा राय, श्याम जी वर्मा,मनीषा राय, श्यामसुंदर जी सहित अन्य कलाकार व पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित थे.







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