जिले की उपेक्षा पर सीता राम विवाह आश्रम के महंत ने सांसद को घेरा ..

उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के सात साल बीतने के बाद बाद बक्सर में भगवान राम की प्रतिमा लगाने का बयान आया है. यही नहीं आज तक बिहार के मानचित्र पर बक्सर को पर्यटक स्थल के रूप में स्थान नहीं मिला है. द्वापर युग के जरासंध नगर, राजगृह का विकास एक पर्यटक स्थल के रूप में किया गया लेकिन, सतयुग से कलियुग तक के स्मृति अवशेषों को आज तक जीवंत रखने वाले बक्सर का विकास पर्यटन स्थल के रूप में किसी सरकार ने नहीं किया.




- पूछा, सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद भी स्मार्ट सिटी में क्यों नहीं शामिल
- कहा, केंद्रीय कारा की कैद से मुक्त हो वामन भगवान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बक्सर एक महान तीर्थ है. हमारे सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जिले को लेकर राष्ट्रीय, सांस्कृतिक धरोहर, स्मार्ट सिटी की बात क्यों नहीं करते? उनके द्वारा बार-बार केवल वादे ही क्यों किए जाते हैं? ये सवाल महर्षि श्री विश्वामित्र पीठ, सीता राम विवाह आश्रम, नया बाजार के महन्त राजाराम शरण दास ने पूछे. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के सात साल बीतने के बाद बाद बक्सर में भगवान राम की प्रतिमा लगाने का बयान आया है. यही नहीं आज तक बिहार के मानचित्र पर बक्सर को पर्यटक स्थल के रूप में स्थान नहीं मिला है. द्वापर युग के जरासंध नगर, राजगृह का विकास एक पर्यटक स्थल के रूप में किया गया लेकिन, सतयुग से कलियुग तक के स्मृति अवशेषों को आज तक जीवंत रखने वाले बक्सर का विकास पर्यटन स्थल के रूप में किसी सरकार ने नहीं किया.




प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में ही कई नगरों को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना की घोषणा की थी लेकिन, स्मार्ट सिटी बनाये जाने के सभी मानदण्डों को पूरा करने के बाद भी आज तक बक्सर को स्मार्ट सिटी का सूची में शामिल करने की बात मंत्री जी ने कभी नहीं उठायी. दूसरी बात, 2018 के अगस्त महीने में उन्होंने बक्सर को राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर एवम् पर्यटक स्थल की सूची में शामिल करने का अनुशंसा पत्र तो लिखा लेकिन, आज तक इसे संसद में पारित नहीं करा सके जबकि, केन्द्र और राज्य में एनडीए की ही सरकार है. महंत ने कहा कि जिले के विकास के लिए आधारभूत योजनाओं को धरातल पर लाइये तब ही जिले को राष्ट्रीय पहचान मिल पाएगी इसके साथ ही बक्सर के समस्त पौराणिक, धार्मिक स्थलों को अतिक्रमण से मुक्त कराने और वामन भगवान प्राकट्य स्थल को सेंट्रल जेल से मुक्त कराने का काम किया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि हिन्दू, मुस्लिम और इसाई सभी इस बात को स्वीकार करते हैं कि यह विश्वामित्र नगरी है फिर भी इसकी उपेक्षा क्यों?












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