एक तरफ जहां खेतों में पराली जलाने पर प्रशासन के द्वारा किसानों को तीन साल तक उन्हें मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिया जा रहा है वहीं, दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर रही है लेकिन, प्रशासन को प्रदूषण की चिंता केवल किसानों की पराली के जलने से है. इसके अतिरिक्त होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदूषण को लेकर न तो प्रशासनिक अधिकारी गंभीर हैं और ना ही ऐसे प्रदूषण को रोकने के संदर्भ में कोई पहल कर रहे हैं, उल्टे वह स्वयं प्रदूषण फैला रहे हैं.
- डुमराँव में नप के द्वारा नियमित रूप से कचरा जलाए जाने की सामने आ रही बात
- पर्यावरण प्रदूषण के साथ लोगों का जीना हुआ मुश्किल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां खेतों में पराली जलाने पर प्रशासन के द्वारा किसानों को तीन साल तक उन्हें मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिया जा रहा है वहीं, दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर रही है लेकिन, प्रशासन को प्रदूषण की चिंता केवल किसानों की पराली के जलने से है. इसके अतिरिक्त होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदूषण को लेकर न तो प्रशासनिक अधिकारी गंभीर हैं और ना ही ऐसे प्रदूषण को रोकने के संदर्भ में कोई पहल कर रहे हैं, उल्टे वह स्वयं प्रदूषण फैला रहे हैं.
दरअसल, डुमराँव नगर परिषद द्वारा डाकखाना रोड के समीप 14 एवं 23 नंबर वार्ड से सटी नहर में कचरे को डंप किया जा रहा है. बाद में इस कचरे को आग के हवाले कर दिया जा रहा है. आग लगने के बाद कचरे से निकलने वाली जानलेवा दुर्गंध लोगों को काफी परेशान कर रही है. साथ ही वायुमंडल में भी प्रदूषण का जहर फैल जा रहा है.
बताया जा रहा है कि डंपिंग जोन के लिए जगह नहीं मिलने के कारण कचरे को यत्र तत्र डंप किया जा रहा है तथा उसके त्वरित निस्तारण के लिए उसमें नगर परिषद के कर्मियों के द्वारा ही आग लगा दी जा रही है जो कि पूरी तरह से सरकार के आदेश की अवहेलना है. वार्ड संख्या 14 के निवासी सुशील कुमार बताते हैं कि नप के कर्मियों के द्वारा अक्सर कचरे को डंप कर जला दिया जाता है. जिससे कि प्रदूषण के साथ ही दुर्घटनाओं की भ आशंका बनी रहती है. सोमवार को ही आग तकरीबन डेढ़ किलोमीटर तक फैली हुई थी.
कहते हैं अधिकारी:
यह किसी शरारती तत्व की कारस्तानी जान पड़ती है, जिसका पता लगाया जा रहा है. दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
सुजीत कुमार,
कार्यपालक पदाधिकारी,
नगर परिषद, डुमराँव
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