मामूली मज़ाक में दोस्तों ने कर दी थी टेंट मज़दूर की हत्या ..

राजपुर थानाक्षेत्र के जमौली में टेंट मजदूर की हत्या के राज से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. घटना की रात शादी समारोह में शामिल दो दोस्तों ने ही मिलकर बबन राम की हत्या के बाद नहर में फेंक दिया था. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि बाइक हटाने के मज़ाक से उपजे विवाद में दो दोस्तों ने मिलकर हत्या के बाद शव को नहर में फेंक दिया था. मामले में दोनों में को गिरफ्तार कर पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया.





- घटनास्थल से बरामद बन गया हत्यारों के गले का फंदा
- हाथापाई में खींच दिया मफलर, बाद में हुआ गलती का एहसास

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राजपुर थानाक्षेत्र के जमौली में टेंट मजदूर की हत्या के राज से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. घटना की रात शादी समारोह में शामिल दो दोस्तों ने ही मिलकर बबन राम की हत्या के बाद नहर में फेंक दिया था. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि बाइक हटाने के मज़ाक से उपजे विवाद में दो दोस्तों ने मिलकर हत्या के बाद शव को नहर में फेंक दिया था. मामले में दोनों में को गिरफ्तार कर पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया.




इस बाबत मिली जानकारी के अनुसार राजपुर के रौनी निवासी बबन राम ( 35 ) जिस शादी में टेंट हाउस की तरफ से जेनरेटर आदि लेकर गया था उसी शादी में उसके गांव के दो दोस्त मानिकचंद सिंह उर्फ डब्लू पिता- जगनारायण सिंह और अमित शर्मा, पिता-सुमेश्वर शर्मा भी निमंत्रण पर भोज खाने गए थे. जेनरेटर और लाइट का काम पूरा होने के बाद जब बबन राम भोजन करने गया तभी गांव के दोनों दोस्तों से उसकी मुलाकात हुई. इस बीच दोनों को परेशान करने के लिए बबन राम ने अमित की बाइक को वहां से हटाकर थोड़ी दूर अंधेरे में खड़ा कर दिया. भोजन आदि से निवृत होने के बाद जब दोनों चलने को हुए तो अपनी बाइक वहां नहीं देख उनके होश उड़ गए. तब बबन राम ने कहा कि कुछ खर्च करो तब बाइक मिलेगी. इस पर अमित ने बबन को दो सौ रुपये भी दिए तब उसने अंधेरे में खड़ी बाइक उन्हें दिखाया. 





इस बात को लेकर अमित तथा बबन के बीच बकझक होते - होते बात हाथापाई पर पहुंच गई. बबन ने अमित के गले में पड़े मफलर को पकड़ कर खीच दिया, जिससे वो गिर पड़ा. उसके बाद गुस्से में उठकर अमित ने बबन के गले में - मौजूद गमछा को कसकर बांधने के बाद उसी तरह बाइक पर बीच में बैठाया और बाइक से वहां से निकल पड़े. थोड़ी ही दूर आगे बढ़ने पर जब बबन का शरीर ढीला पड़ गया तब उन्हें अपनी भूल का अहसास हुआ. तब उन्होंने भी नहीं सोचा था कि उसकी मौत हो जाएगी. इसके बाद उसी तरह बाइक लिए नहर के पतले मार्ग से जा रहे थे तब तक रात के अंधेरे में बाइक समेत तीनों फिसलकर नहर में जा गिरे. इसके बाद बबन राम का शव वहीं छोड़ किसी तरह दोनों दोस्तों ने बाइक को नहर से निकाला और बाइक स्टार्ट नहीं होने के बावजूद उसी प्रकार धकेलते हुए वहां से भाग निकले. इस आपाधापी में उनके गले मे मौजूद मफलर घटनास्थल पर ही गिर गया, जिसका उन्हें आभास भी नहीं हुआ. अगली सुबह शव बरामद करने के दौरान पुलिस ने घटनास्थल से मफलर बरामद करने के बाद उसे जब्त कर लिया था. तब पुलिस को भी नहीं पता था कि यही मफलर उसे हत्यारों तक पहुंचाने में मदद करेगा और अंत मे यही मफलर दोनों दोस्तों के लिए गले का फंदा बन गया. जिसकी मदद से पुलिस ने दोनों को दबोच लिया .








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