मिक्सोपैथी के विरोध में सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी में लटका ताला ..

कहना है कि, सरकार एलोपैथी आयुर्वेद और होम्योपैथी मिलाकर मिक्सोपैथी लागू कर रही है. इस व्यवस्था के अंतर्गत अब आयुर्वेदिक या होम्योपैथ के चिकित्सक भी न केवल एलोपैथिक दवाइयां लिख सकेंगे बल्कि वे ऑपरेशन जैसे कार्य भी कर सकेंगे जबकि, यह गलत व्यवस्था है. ऐसे ऐसे में मरीजों की जान पर बन सकती है. तथा उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.





- सरकार द्वारा मिक्सोपैथी को लागू किए जाने का है विरोध
- आपातकालीन सेवाएं हैं हड़ताल से बाहर

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन तथा बीएचएसए के आह्वान पर मिक्सोपैथी के विरोध में सरकारी तथा निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को बंद रखा गया है. इस दौरान सदर अस्पताल समेत जिले के निजी अस्पतालों में पहुंचने वाले सामान्य रोगियों को परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है.




एसोशिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस दौरान एमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा गया है वहीं, कोरोना जाँच तथा उपचार आदि को भी हड़ताल से बाहर रखा गया है. नगर के प्रतिष्ठित विश्वामित्र अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव झा ने बताया कि इस हड़ताल का उद्देश्य मरीजों का ही कल्याण है क्योंकि, मिक्सोपैथी के द्वारा सरकार ऐसे लोगों को सर्जरी आदि का कमान सौंपना चाहती है जिनके पास कोई अनुभव ही नहीं है. साबित हेल्थ हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम ने बताया कि मिक्सोपैथी सीधे तौर पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है. ऐसे में इसका विरोध करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि हड़ताल में शामिल होने के बाद भी आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा गया है.





आइएमए के जिला सचिव डॉ. वी.के. सिंह का कहना है कि, सरकार एलोपैथी आयुर्वेद और होम्योपैथी मिलाकर मिक्सोपैथी लागू कर रही है. इस व्यवस्था के अंतर्गत अब आयुर्वेदिक या होम्योपैथ के चिकित्सक भी न केवल एलोपैथिक दवाइयां लिख सकेंगे बल्कि वे ऑपरेशन जैसे कार्य भी कर सकेंगे जबकि, यह गलत व्यवस्था है. ऐसे ऐसे में मरीजों की जान पर बन सकती है. तथा उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तनवीर फरीदी ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों का विरोध जारी रहेगा. ऐसे में आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी सेवाओं को स्थगित रखा गया है.








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