हाईकोर्ट के निर्देश पर जागा रेल प्रशासन, पांडेय पट्टी गाँव से जल निकासी का काम शुरु ..

न्यायालय के द्वारा इस मामले में जनप्रतिनिधि तथा रेलवे के अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया था कि से आपसी सहमति से दो माह के अंदर इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, जिसके आलोक में आज रेलवे के अधिकारियों ने कार्य शुरू कर दिया है. सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि जल निकासी की समस्या दूर हो जाने से ग्रामीण जनता को काफी लाभ होगा.




- जलजमाव की समस्या से वर्षों से परेशान थे लोग
- ठोरा नदी में गिराया जाएगा नाले का पानी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कई वर्षों से सदर प्रखंड के पांडेय पट्टी गांव में नाली के पानी का निकास नहीं होने से ग्रामीणों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर स्थानीय सरपंच प्रतिनिधि संजय कुमार तिवारी के द्वारा पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके आलोक में न्यायालय ने रेलवे के जीएम तथा डीआरएम को 2 महीने के अंदर जल निकासी की व्यवस्था का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में सोमवार को रेलवे के अधिकारियों के द्वारा जल निकासी का प्रबंध शुरू कर दिया गया. सीनियर सेक्शन इंजीनियर समेत रेल कर्मियों की एक टीम पांडेय पट्टी गांव में पहुंची तथा जेसीबी के माध्यम से जल निकासी के लिए रेलवे लाइन के किनारे होते हुए ठोरा नदी तक एक मार्ग तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है.





इस संदर्भ में जानकारी देते हुए रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर के.बी.तिवारी ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के निर्देश आलोक में उन्होंने वर्तमान में जल निकासी के लिए रेल लाइन के किनारे नुआंव रेलवे क्रॉसिंग होते हुए ठोरा नदी तक एक मार्ग बनाने का काम शुरू करा दिया है, जिसके लिए खुदाई जारी है. बाद में पानी को रेलवे लाइन के दूसरी ओर बाजार समिति रोड के नाले में ले जाने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि ठोरा नदी तक जल निकासी का मार्ग बनाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है. जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.

इस संदर्भ में पांडेय पट्टी की सरपंच रीता देवी के प्रतिनिधि संजय कुमार तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा जलजमाव की बड़ी समस्या को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया था कि वर्षों से गांव के लोग जल जमाव की समस्या से जूझ रहे हैं. सदर विधायक के द्वारा जल निकासी के लिए जो नाला बनवाया जा रहा था बाद में उसका काम यह कहते हुए रोक दिया गया कि उस तरफ जल निकासी के लिए लेबल नहीं मिल रहा है. ऐसे में समस्या और भी गंभीर हो गई थी, जिसको लेकर न्यायालय में अपील की गई थी.

न्यायालय के द्वारा इस मामले में जनप्रतिनिधि तथा रेलवे के अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया था कि से आपसी सहमति से दो माह के अंदर इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, जिसके आलोक में आज रेलवे के अधिकारियों ने कार्य शुरू कर दिया है. सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि जल निकासी की समस्या दूर हो जाने से ग्रामीण जनता को काफी लाभ होगा. उन्होंने इसके लिए ग्रामीणों की तरफ से न्यायालय के साथ-साथ रेलवे के अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया.












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