7 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे कर्मी ने किया जान देने का प्रयास ..

जिससे कि आहत होकर सफाई कर्मी राजन कुमार रावत जान देने की नीयत से कमलदह पोखर में कूद गए हालांकि, स्थानीय लोगों ने उन्हें किसी तरह बाहर निकाला. अनिल ने बताया कि इस घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद उक्त कर्मी को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई जबकि, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.




- कमलदह पोखर परिसर में भूख हड़ताल पर बैठे हैं कर्मी
- अधिकारी पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्थायी नियुक्ति की अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मियों में से एक द्वारा कमलदह पोखर में कूदकर जान देने की कोशिश की गई हालांकि, मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों द्वारा किसी तरह उन्हें बाहर निकाला लिया गया. बताया गया कि अधिकारी के व्यवहार से आहत होकर कर्मी ने यह कदम उठाया.

घटना के संदर्भ में जानकारी देते हुए मौके पर मौजूद भीम आर्मी के नेता अनिल प्रधान ने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से आने वाले तथा कल्याण छात्रावास, जिला कल्याण विभाग एवं अंबेडकर आवासीय विद्यालय पांडेय पट्टी में कार्य करने वाले कर्मियों को अब एनजीओ के माध्यम से काम कराए जाने की बात कही जा रही है लेकिन, एनजीओ से जुड़े जाने पर कर्मियों के वेतन में दो फीसद की कटौती होने लगेगी. इतना ही नहीं उनको मिलने वाली सुविधाओं में भी कमी की जाएगी. ऐसे में उन्होंने यह मांग रखी है कि उनकी नियुक्ति को स्थायी किया जाए. 




अनिल ने बताया कि इसी बात को लेकर कर्मी सात दिनों से लगातार भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. इसी बीच उनसे मिलने के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह पहुंचे और उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे कर्मियों को डांट-फटकार लगाते हुए जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया, जिससे कि आहत होकर सफाई कर्मी राजन कुमार रावत जान देने की नीयत से कमलदह पोखर में कूद गए हालांकि, स्थानीय लोगों ने उन्हें किसी तरह बाहर निकाला. अनिल ने बताया कि इस घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद उक्त कर्मी को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई जबकि, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

उधर, मामले में पूछे जाने पर जिला कल्याण पदाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि उन पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. कर्मियों से बुधवार को बात करते हुए हड़ताल समाप्त करने पर सहमति बनी थी, जिसके बाद कर्मियों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए गुरुवार का समय दिया था. गुरुवार को जब वहां पहुंचे तो कर्मियों ने इससे इंकार कर दिया तथा उन्होंने यह कहा कि जब तक पटना से कोई लिखित आदेश नहीं आता तब तक वह हड़ताल नहीं समाप्त करेंगे. इसी बीच शाम तकरीबन 6:00 बजे एक कर्मी ने उन्हें फोन कर सूचना दी कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो वह जान दे देंगे. सूचना पर जैसे ही वह कमलदह पोखर स्थित धरना स्थल पर पहुंचे कि उनको देखते ही कर्मी ने पानी में छलांग लगा दी. बाद में किसी तरह उसे बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया है.









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