भटकती हुई मिली पटना की युवती, अल्पावास के सहयोग से अपनों तक पहुंची ..

बताया जा रहा है कि पुलिस को शनिवार को दिन में यह युवती भटकती हुई मिली, जिसके बाद ब्रह्मपुर थाना पुलिस के द्वारा बक्सर के बाजार समिति रोड स्थित अल्पावास गृह में रखा गया. इसी बीच अल्पावास प्रबंधन के लोगों के द्वारा युवती से पूछताछ में यह जानकारी मिली युवती गर्दनीबाग थाना क्षेत्र की रहने वाली है. तुरंत ही बक्सर पुलिस ने गर्दनीबाग थाना पुलिस से संपर्क किया और फिर युवती को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया.

 







- ब्रह्मपुर थाना के द्वारा किया गया था अल्प आवास गृह के हवाले
- पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के झोपड़पट्टी की रहने वाली है युवती

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: रामपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के समीप भटकती हुई मिली एक युवती को अल्पावास गृह प्रबंधन के सहयोग से उसके परिजनों से मिला दिया गया. युवती पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र की रहने वाली है. बताया जा रहा है कि पुलिस को शनिवार को दिन में यह युवती भटकती हुई मिली, जिसके बाद ब्रह्मपुर थाना पुलिस के द्वारा बक्सर के बाजार समिति रोड स्थित अल्पावास गृह में रखा गया. इसी बीच अल्पावास प्रबंधन के लोगों के द्वारा युवती से पूछताछ में यह जानकारी मिली युवती गर्दनीबाग थाना क्षेत्र की रहने वाली है. तुरंत ही बक्सर पुलिस ने गर्दनीबाग थाना पुलिस से संपर्क किया और फिर युवती को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया.




बताया जा रहा है कि शनिवार की दोपहर तकरीबन 2:00 बजे ग्रामीणों के द्वारा यह सूचना दी गई कि रघुनाथपुर बाजार के समीप एक युवती भटकती हुई देखी गई. पूछने पर वह विशेष कुछ नहीं बता पा रही थी. यह जानकारी मिलते ही ब्रह्मपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची तथा युवती से पूछताछ शुरू की. बातचीत के क्रम में यह ज्ञात हुआ कि युवती मानसिक रूप से कुछ कमजोर है. बाद में तुरंत ही युवती को बाजार समिति रोड स्थित अल्पावास गृह में रखवाया गया. बाद में पूछताछ के क्रम में युवती ने अपना नाम तनु कुमारी तथा उनके पिता का नाम श्रवण राम बताया वहीं, घर का पता गर्दनीबाग थाना क्षेत्र ने बताया. ऐसे में उसके घर का पता मिलने पर परामर्शी प्रियंका कुमारी के द्वारा  गर्दनीबाग एवं सचिवालय थाने से संपर्क स्थापित कर उसे उसके घर भेज दिया गया. अल्पावास गृह के संचालक तथा मोनालिसा प्रशिक्षण एवं कल्याण संस्थान के सचिव विनोद कुमार सिंह ने बताया कि, मानसिक रूप से दिव्यांग की युवतियों अथवा महिलाओं को सुरक्षात्मक तथा अन्य उपायों को लेकर अल्प आवास गृह में नहीं रखा जाता लेकिन, पुलिस के विशेष अनुरोध पर उसे रखा गया था. 










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