कैदियों के नैतिक उत्थान के लिए जेल में मनी स्वामी विवेकानंद की जयंती ..

कारा एवं सुधार विभाग पटना के संयुक्त सचिव सह निदेशक के निदेशानुसार केन्द्रीय कारा में स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में गायत्री परिवार के सदस्य एवं कारा प्रशासन की ओर से बंदियों के नैतिक उत्थान एवं तनाव मुक्ति हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया. 

 




- स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने का बंदियों से किया गया अनुरोध
- कारा एवं सुधार विभाग के द्वारा आयोजित किया गया था कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कारा एवं सुधार विभाग पटना के संयुक्त सचिव सह निदेशक के निदेशानुसार केन्द्रीय कारा में स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में गायत्री परिवार के सदस्य एवं कारा प्रशासन की ओर से बंदियों के नैतिक उत्थान एवं तनाव मुक्ति हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी पूनम रानी, केन्द्रीय कारा अधीक्षक राजीव कुमार, उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह, कारा के सभी लिपिक, प्रोग्रामर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कक्षपाल संवर्ग के कर्मी एवं मुक्त कारागार के प्रभारी उपाधीक्षक सरोज कुमार, महिला मंडल कारा के प्रभारी उपाधीक्षक मिथिलेश कुमार तथा गायत्री परिवार के सदस् चंदन कुमार मिश्रा, प्रभात कुमार, मुकेश कुमार, अनिल कुमार, रणविजय प्रसाद मिश्र एवं तेज नारायण ओझा उपस्थित रहे.




कार्यक्रम की शुरूआत सभी अतिथियों एवं अधीक्षक के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर हुई. तत्पश्चात् अखिल विश्व गायत्री परिवार की इकाई, प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ, पटना के सदस्य चंदन कुमार मिश्रा के द्वारा गायंत्री मंत्र के साथ बंदियों को नैतिक उत्थान एवं तनाव मुक्त रहने हेतु स्वामी विवेकानन्द के उत्प्रेरक बातों को जीवन में उतारने हेतु प्रेरित किया गया. इस दौरान सदस्यों के द्वारा भजन-गायन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.


आजीवन कारावास काट सम्मानजनक जीवन जी रहे पंडित जी:

मौके पर चंदन कुमार मिश्रा के द्वारा बताया गया कि तेज नारायण ओझा वर्ष 2003 में केन्द्रीय कारा से आजीवन कारावास की सजा पूर्ण कर गायत्री परिवार से जुड़े और वह अब जिले में सम्मानजनक व्यक्ति एवं गायत्री परिवार के पंडित जी के नाम से जाने जाते है. तत्पश्चात तेजनारायण ओझा द्वारा बंदियों को अपने जीवन में गायत्री मंत्र एवं स्वामी विवेकानन्द के मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित किया गया.

इसके अतिरिक्त प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी द्वारा स्वामी विवेकानन्द के विचार - उठो, जागो, आगे बढ़ो के उद्बोधन से प्रेरित किया गया. साथ ही काराधीक्षक द्वारा बंदियों को कारा के अंदर रहकर सुधारात्मक कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर आग लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया. अंत में उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह द्वारा सभी वक्ताओं को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया.









Post a Comment

0 Comments