विश्वविद्यालय की भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर धरने पर बैठे कॉलेज शिक्षक ..

लगभग 25 एकड़ ज़मीन राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज हेतू आवंटित कर दी है. सरकार के इस कदम से विश्वविद्यालय के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. यूजीसी के 12 (बी) 2 (एफ) के तहत विश्वविद्यालय को मान्यता इसी नूतन परिसर की वजह से मिली है लेकिन, सरकार के इस भूमि अधिग्रहण से विश्वविद्यालय की मान्यता पर गंभीर संकट उत्पन हो गया है





- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की जमीन को मेडिकल कॉलेज के लिए अधिकृत किए जाने का है मामला
- धरने पर बैठे शिक्षकों ने सरकार से की पुनर्विचार की मांग कहा, विश्वविद्यालय के अस्तित्व पर आएगा खतरा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के नूतन परिसर की 25 एकड़ भूमि राज्य सरकार द्वारा अधिगृहित कर चिकित्सा महाविद्यालय को दिए जाने के  विरोध में महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के प्रांगण में महाविद्यालय शिक्षक संघ के द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया. धरना में शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की जमीन को अधिगृहित किए जाने का पुरजोर विरोध किया. 



मालूम हो कि विश्वविद्यालय के जीरोमाइल स्थित नूतन परिसर की लगभग 25 एकड़ ज़मीन राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज हेतू आवंटित कर दी है. सरकार के इस कदम से विश्वविद्यालय के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. यूजीसी के 12 (बी) 2 (एफ) के तहत विश्वविद्यालय को मान्यता इसी नूतन परिसर की वजह से मिली है लेकिन, सरकार के इस भूमि अधिग्रहण से विश्वविद्यालय की मान्यता पर गंभीर संकट उत्पन हो गया है. 




धरना कार्यक्रम में सभी शिक्षकों ने सरकार के इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की और कहा कि सरकार मेडिकल कॉलेज हेतु अन्यत्र भूमि आवंटित कर सकती है. प्रतिरोध दिवस कार्यक्रम में डॉ. सैयद वसी इमाम, डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह, डॉo राजेश कुमार, डॉ. आशिक़ अली, डॉ. यशवंत कुमार, डॉ. रामजी प्रसाद, डॉ. भरत कुमार, डॉ. सैकत देबनाथ, डॉ. सुजित कुमार यादव, डॉ. रवि प्रभात, डॉ. छाया चौबे, डॉ. रास बिहारी शर्मा, अमृता कुमारी, प्रियेश रंजन, अवधेश प्रसाद, नवी रंजन आदि शामिल रहे.










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