अपने जीवन की रक्षा के लिए प्रकृति की रक्षा जरूरी : डॉ. शास्त्री

आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा तीसरे दिन कथा व्यास पूज्य डॉ. सुरेश शास्त्री जी महाराज ने कहा कि जब तक प्रकृति सुरक्षित है तब तक हमारा जीवन सुरक्षित है, क्योंकि प्राकृत ही हमारी सर्वे सर्वा है हमारी रक्षक है और जब तक पर्यावरण शुद्ध नहीं होगा तब तक हम स्वस्थ नहीं होंगे. अतः पर्यावरण को सुरक्षित करना शुद्ध करना हमारा बहुत बड़ा धर्म है.





- नया बाजार आश्रम में आयोजित है प्रिया-प्रियतम महोत्सव
- कार्यक्रम के दौरान भागवत कथा का भी किया गया है आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम नया बाजार में 23 फरवरी से प्रारंभ पूज्य मामा जी महाराज का 13 वां निर्वाण दिवस महोत्सव सह प्रिया-प्रियतम मिलन महोत्सव तीसरे दिन विविध भक्तिमय आयोजन हुए. प्रात: काल से ही पूजन अर्चन के साथ साथ भक्तमाल जी का सामूहिक पाठ चलते रहे.



महोत्सव के दौरान चल रहे आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा तीसरे दिन कथा व्यास पूज्य डॉ. सुरेश शास्त्री जी महाराज ने कहा कि जब तक प्रकृति सुरक्षित है तब तक हमारा जीवन सुरक्षित है, क्योंकि प्राकृत ही हमारी सर्वे सर्वा है हमारी रक्षक है और जब तक पर्यावरण शुद्ध नहीं होगा तब तक हम स्वस्थ नहीं होंगे. अतः पर्यावरण को सुरक्षित करना शुद्ध करना हमारा बहुत बड़ा धर्म है.




शास्त्री जी महाराज ने कथा में भक्ति का महत्व बताते हुए कहा की भक्ति समाज के प्रति हो, धर्म के प्रति हो, राष्ट्र के प्रति हो अथवा भगवान के प्रति हो वह अविचल और दृढ़ होना चाहिए. माता-पिता की सेवा भी भक्ति का सर्वोत्तम रूप है. महाराज श्री ने कहा जो अजातशत्रु हो तथा जिसका कोई शत्रु न हो,और संसार का हित करने में जो अपना चित्त लगा दे वही संत है. आज की कथा में उन्होंने ने ध्रुव चरित, अनसूया चरित, प्रहलाद भक्ति कथा-नरसिंह अवतार की कथा  की सुन्दर व्याख्या की.










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