बनने के साथ ही उखड़ने लगी गोलंबर से डुमरांव वाया जासो-नदांव सड़क ..

सड़क के निर्माण के दौरान स्टीमेट और मापी में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है पहले जहां गोलंबर से डुमराँव की दूरी 16 किलोमीटर मापी गई थी वहीं अब यह दूरी साढ़े 18 किलोमीटर हो गई है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि  ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा निर्माणाधीन इस सड़क की मापी को भी बिना स्थल निरीक्षण के कर दिया गया है. 

 







- गलत एस्टीमेट के गड़बड़ झाले में ढाई किलोमीटर की सड़क का निर्माण रुका
- 16 किलोमीटर की सड़क पर 40 से ज्यादा अवैध स्पीड ब्रेकर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर बक्सर गोलंबर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग 84 से जासो,नदांव, जगदीशपुर, कुल्हड़िया, सुरौंधा आदि होते हुए डुमरांव के साफखाना रोड तक जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य जहां बेहद मंथर गति से चल रहा है वहीं, सड़क बनने के साथ उखड़ने भी लगी है हालांकि, संवेदक इस टूट-फूट का जिम्मेदार ओवरलोडिंग को मान रहे हैं उनका कहना है कि क्षमता से ज्यादा भारी वाहनों के परिचालन की वजह से सड़क बनने के साथ उखड़ने लगी है.


इतना ही नहीं, इस सड़क के निर्माण के दौरान स्टीमेट और मापी में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है पहले जहां गोलंबर से डुमराँव की दूरी 16 किलोमीटर मापी गई थी वहीं अब यह दूरी साढ़े 18 किलोमीटर हो गई है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि  ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा निर्माणाधीन इस सड़क की मापी को भी बिना स्थल निरीक्षण के कर दिया गया है. मजे की बात तो यह है कि जहाँ सड़क निर्माण का बोर्ड लगा है वहां से तकरीबन ढाई किलोमीटर दूर की सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ है.




16 किलोमीटर सड़क पर 40 ब्रेकर:

बताया जा रहा है कि सड़क पर सड़क सुरक्षा के नियमों का खुले तौर पर मजाक उड़ाया जा रहा है. 16 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर तकरीबन 40 से ज्यादा ब्रेकर बनाए गए हैं हालांकि, संवेदक तथा अधिकारी इन्हें अवैध ब्रेकर की संज्ञा देते हैं हालांकि, इसके ऊपर अलकतरे की पिचिंग किए जाने से ऐसा प्रतीत नहीं होता.


निर्माण व अनुरक्षण सबकी है व्यवस्था:

इस मार्ग में 16 किलोमीटर तक सड़क निर्माण एवं अनुरक्षण के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लगभग 3 करोड़ 34 लाख 58 हज़ार रुपये की राशि की स्वीकृति  मिली वहीं, सड़क को 5 साल तक दुरुस्त रखने के लिए 1 करोड़ 66 लाख रुपये 5 वर्षीय अनुरक्षण के लिए भी निर्धारित किए गए हैं. मतलब कि सड़क बनने के पश्चात अगले 5 सालों तक चकाचक रहे इसकी भी व्यवस्था कर ली गई है. टेंडर होने के बाद संवेदक शिव भजन सिंह के द्वारा इसका निर्माण कोरोना काल मे 29 अगस्त 20 से शुरु किया गया है. जिसे 28 जुलाई 21 तक पूरा कर लेना है.





दर्जनों गांवों के लिए वरदान है सड़क:

इस सड़क के बन जाने से इस रास्ते से जोड़ने वाले दर्जनों गांवों के लोगों को काफी सहूलियत होगी. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे आदि उभरने के कारण लोगों को बेहद मुश्किलों से इस सड़क पर यात्रा करनी पड़ती थी. बताया जाता है कि, निर्माण के बाद से ही समय-समय पर मरम्मत, अनुरक्षण एवं देखरेख नहीं होने के कारण यह कई जगह से टूट गई थी. हालात यह हो गए थे कि, बरसात के दिनों में कौन कहे आम दिनों में भी यहां जलजमाव का नजारा साफ तौर पर रहता था.

कहते हैं अधिकारी: 

ग्रामीण सड़क पर अधिकतम 7 टन तक के वाहनों के परिचालन की अनुमति है लेकिन, भारी वाहनों के परिचालन के कारण सड़कों के टूटने की शिकायत आई है हालांकि, निर्माण के बाद पांच साल तक अनुरक्षण का कार्य संवेदक को करना है. दूसरी तरफ ब्रेकर को हटाने पर ग्रामीण विरोध में उतर जाते हैं. ऐसे में ब्रेकर इतनी संख्या में सड़क पर अवैध ब्रेकर हैं.  इसके अलावे जितनी दूर सड़क नहीं बन पाई है वह रिवाइज़्ड एस्टीमेट के द्वारा बनाई जाएगी.

प्रमोद कुमार
कार्यपालक अभियंता
ग्रामीण कार्य प्रमंडल






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