श्री हरि की भक्ति ही मनुष्य का परम धन - आचार्य भारतभूषण

महाराज ने कहा कि सभी भुवनों में निर्धन होते हुए भी जिसके हृदय में भगवान श्रीहरि की भक्ति निवास करती है वह व्यक्ति धन्य होता है क्योंकि भक्ति सूत्रों से बँधकर भगवान भी अपने लोक वैकुण्ठ को सर्वथा छोड़ उसी भक्त के हृदय में प्रवेश करते हैं. जहाँ भक्ति होती है वहीं भगवान रहते हैं और जहाँ भगवान श्रीमन्नारायण रहते हैं वहीं पराचितिस्वरूपा जगदम्बा वैकुण्ठ लक्ष्मी निवास करती हैं. 

 



- डुमरांव के सुरौंधा में आयोजित है भागवत ज्ञान यज्ञ
- दूरदराज से भागवत कथा का रसपान करने पहुंच रहे श्रद्धालु

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमराँव अनुमण्डल के सुरौंधा गाँव में तिलक बाबा देवस्थान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए आचार्य डॉ.भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि सभी भुवनों में निर्धन होते हुए भी जिसके हृदय में भगवान श्रीहरि की भक्ति निवास करती है वह व्यक्ति धन्य होता है क्योंकि भक्ति सूत्रों से बँधकर भगवान भी अपने लोक वैकुण्ठ को सर्वथा छोड़ उसी भक्त के हृदय में प्रवेश करते हैं. जहाँ भक्ति होती है वहीं भगवान रहते हैं और जहाँ भगवान श्रीमन्नारायण रहते हैं वहीं पराचितिस्वरूपा जगदम्बा वैकुण्ठ लक्ष्मी निवास करती हैं. जहाँ लक्ष्मी रहती हैं वहाँ ऋद्धि-सिद्धि-समृद्धियाँ उनकी सेवा में तत्पर रहती हैं.




आचार्य ने कहा कि जीवन का लाभ और लक्ष्य भगवान की सेवा है. उन्होंने कहा कि दस पीढ़ियों के लिए इकट्ठा किया गया धन एक पीढ़ी के काम भी नहीं आ पाता जबकि थोड़ा सा धर्मपालन कई पीढ़ियों की रक्षा करता है. धर्म का आचरण तत्परता से करना चाहिए और धर्मपालन में कोई बहाना नहीं करना चाहिए. भागवत को वेदों का रससारसर्वस्व बताते हुए आचार्य ने कहा कि भगवान की अमृतमयी लीलाएँ कोटि-कोटि जीवों का उद्धार कर देती हैं और उनके हृदय को विषय के विष से मुक्त कर भगवद्भक्ति से भर देती हैं.

 
इस अवसर पर यजमान अशोक तिवारी एवं उषा देवी, अध्यक्ष मनसानन्द तिवारी, पप्पुजी ओझा, महेश पति तिवारी,भरत तिवारी, रामवदन तिवारी, संजय तिवारी, कमलेश तिवारी, सत्यनारायण राम, मनोज तिवारी, लल्लू ओझा, अजय तिवारी, चन्द्रिका यादव, घूरबिगन यादव, गोपालजी ठाकुर आदि प्रमुख ग्रामीण श्रोताओं तथा श्रद्धालु स्त्री-पुरुषों ने भागवत जी का पूजन-अर्चन किया. वैदिक कर्मकांड और मूल पारायण पं. अनिल जी पाण्डेय, शशिभूषणजी तिवारी, आजाद पाण्डेय, पं.गोलूजी चौबेआदि के नेतृत्व में विद्वानों ने सम्पन्न कराया. कथा 29 मार्च तक चलेगी. यज्ञ में सुरौंधा, नेनुआ, सम्हार सहित आसपास के दर्जनों ग्रामीणों सहित कई गाँव के तमाम श्रोता कथा श्रवण कर रहे हैं.







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