जीवन जीवनधन जगदीश्वर के लिए है- आचार्य भारतभूषण

आचार्य ने देवर्षि नारद और भगवान वेदव्यास की कथा के द्वारा सत्संग की महिमा बतायी. शोक, मोह और भ्रम की स्थिति में सत्संग संजीवनी का काम करता है. द्रौपदी की कथा के द्वारा सबको आत्मस्वरूप समझने और सबके उपकार के लिए तत्पर रहने का संदेश दिया. भीष्म चरित्र से धर्म, मोक्ष, समाज, राजनीति और भगवद्भक्ति के शास्त्रीय समन्वय की विधा प्रस्तुत कर रामराज्य, धर्मराज्य, पृथु-प्रह्लाद-ध्रुव-अम्बरीष- युधिष्ठिर के राज की बारीकियों का वर्णन किया. 

 



- डुमरांव अनुमंडल के सुरौंधा में आयोजित है श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह व श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ
- कहा, प्रकार पुलिस को देख कर भाग जाते हैं अपराधी, भगवान का नाम सुनकर दुर्भाग्य होता है दूर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमरांव अनुमण्डल के सुरौंधा गाँव के तिलक बाबा देवस्थान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह एवं श्रीलक्ष्मीनारायण यज्ञ में आज तीसरे दिन प्रवचन करते हुए प्रसिद्ध भागवताचार्य डॉ. भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि जीविका जीवन के लिए है न कि जीवन जीविका के लिए. जीवन जीवनधन जगदीश्वर के भजन के लिए है. उन्होंने कहा कि भागवत में परम सत्य का ध्यान किया गया है. यह आस्तिक नास्तिक सबके लिए स्वीकार्य और सबका कल्याण करनेवाला है. भगवान के सगुण लीलाओं की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पुलिस अधिकारियों के नाम सुनकर अपराधी भाग जाते हैं उसी प्रकार भगवान का नाम सुनकर दुःख, दुर्भाग्य व संकट अपने आप दूर हो जाते हैं. 


आचार्य ने देवर्षि नारद और भगवान वेदव्यास की कथा के द्वारा सत्संग की महिमा बतायी. शोक, मोह और भ्रम की स्थिति में सत्संग संजीवनी का काम करता है. द्रौपदी की कथा के द्वारा सबको आत्मस्वरूप समझने और सबके उपकार के लिए तत्पर रहने का संदेश दिया. भीष्म चरित्र से धर्म, मोक्ष, समाज, राजनीति और भगवद्भक्ति के शास्त्रीय समन्वय की विधा प्रस्तुत कर रामराज्य, धर्मराज्य, पृथु-प्रह्लाद-ध्रुव-अम्बरीष- युधिष्ठिर के राज की बारीकियों का वर्णन किया. कलियुग के प्रथम राजा परीक्षित द्वारा कलियुग को नियंत्रित कर पाँच स्थानों में सीमित कर दिया गया. इससे धर्म, सत्कर्म और परोपकार निर्विघ्नतापूर्वक चलते रहे. इस अवसर पर यजमान अशोक तिवारी एवं उषा देवी,अध्यक्ष मनसानन्द तिवारी,पप्पुजी ओझा, महेश पति तिवारी, भरत तिवारी, रामवदन तिवारी, संजय तिवारी, कमलेश तिवारी, सत्यनारायण राम, मनोज तिवारी, लल्लू ओझा, अजय तिवारी, चन्द्रिका यादव, घूरबिगन यादव, गोपालजी ठाकुर आदि प्रमुख ग्रामीण श्रोताओं तथा श्रद्धालु स्त्री-पुरुषों ने भागवत जी का पूजन-अर्चन किया. वैदिक कर्मकांड और मूल पारायण पं. अनिल जी पाण्डेय, शशिभूषणजी तिवारी, आजाद पाण्डेय, पं.गोलू जी चौबेआदि के नेतृत्व में विद्वानों ने सम्पन्न कराया. कथा 21 मार्च तक चलेगी. यज्ञ में सुरौंधा, नेनुआ, सम्हार सहित आसपास के दर्जनों ग्रामीणों सहित कई गाँव के तमाम श्रोता कथा श्रवण कर रहे हैं.







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