किसानों के समर्थन व जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार के विरोध में सड़क पर उतरे महागठबंधन के नेता ..

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के भारत बंद का समर्थन करते हुए केंद्र द्वारा पारित तीनों कृषि कानून वापस, फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी की कानूनी गारंटी, कृषि सुधार सम्बंधी स्वमीनाथन आयोग की सिफारिशों, किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ करने तथा खेत मजदूरों के हकों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर भारत बन्द को लेकर जिले में कई स्थानों पर प्रदर्शन किया जिसमें घंटों सड़क जाम रहा. 

 



- देशव्यापी भारत बंद का महागठबंधन ने किया समर्थन
- जिलेभर में आयोजित किए गए कार्यक्रमों में शामिल हुए कांग्रेस राजद तथा वाम दलों के कार्यकर्ता


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के भारत बंद का समर्थन करते हुए केंद्र द्वारा पारित तीनों कृषि कानून वापस, फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी की कानूनी गारंटी, कृषि सुधार सम्बंधी स्वमीनाथन आयोग की सिफारिशों, किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ करने तथा खेत मजदूरों के हकों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर भारत बन्द को लेकर जिले में कई स्थानों पर प्रदर्शन किया जिसमें घंटों सड़क जाम रहा. इस दौरान विधानसभा में विधायकों के साथ हुई सुरक्षाकर्मियों की धक्का-मुक्की तथा तीनों कृषि कानून वापस लेने को लेकर राजद, कांग्रेस, जाप तथा वामदलों ने जिले की सड़कों पर उतर कर नारेबाजी की तथा ज्योति प्रकाश चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन करने के साथ ही सड़क जाम कर विरोध जताया. 




बक्सर में बिहार बंद के दौरान राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह ने कहा कि, नीतीश कुमार लोकतंत्र के हत्यारे हैं उन्हें सारे पदों से इस्तीफा देकर घर बैठ जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा घेराव के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 50 हज़ार से अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं ने जेपी गोलंबर से विधानसभा घेराव के लिए  प्रस्थान किया जहां डाक बंगला चौराहा पर रोक कर पुलिस ने लाठीचार्ज एवं वॉटर कैनाल का प्रयोग किया एवं ईंट-पत्थर का प्रयोग किया. माननीय विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. जिलाध्यक्ष ने कहा कि सशस्त्र पुलिस बिल जो पास होने वाला था उसका हम लोगों ने विरोध किया, जिस पर माननीयों के साथ जिस तरह से दुर्व्यवहार किया गया वह पूरी बिहार की जनता के साथ देश और पूरी दुनिया ने देखा. जनता के वोट से चुने गए प्रतिनिधियों पर पुलिस के द्वारा इतना जुल्म लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इतिहास के पन्ने में नीतीश कुमार का कहीं नामोनिशान नहीं रहेगा. केवल एक काले धब्बे के रूप में उनका नाम याद किया जाएगा. डुमराँव में राष्ट्रीय राजमार्ग-84 को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया. 


ब्रह्मपुर चौक पर किसान सभा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तीनों कृषि कानूनों  की वापसी एवं बिहार विधानसभा में जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से किये गए व्यवहार से नीतीश सरकार के खिलाफ भारत बंद के आह्वान को अपना समर्थन देते हुए बंद में सक्रिय योगदान रहा.
       

इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सहायक मंत्री नागेंद मोहन सिंह, पोखराहा के पूर्व मुखिया प्रबिन्द कुमार, कांग्रेस नेता प्रभुदत्त ओझा, राजनारायण ओझा, राजद के प्रखंड अध्यक्ष जेन्दू यादव, दामोदर यादव, सज्जन यादव, कमला यादव, भोला पांडे, राजू वर्मा, राजद नेता श्रवण यादव, मुख्तार पासवान, सुनील यादव ललन यादव, किसान सभा के राजेश कुमार उर्फ बड़क जी, सत्येंद्र कुमार, गोरख सिंह, बिटू बलवंत, पापु कुमार,करीमन,अक्षयवर, कुँवर तथा सुभाष प्रमुख रूप से उपस्थित थे.




जिले भर में चल रहे प्रदर्शन तथा जाम से तकरीबन 1 घन्टे तक यातायात प्रभावित रहा जिससे वाहनधारियों को काफी परेशानी हुई. हालांकि सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय, नगर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, यातायात प्रभारी अंगद सिंह तथा ट्रैफिक व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी जिला मुख्यालय में जाम आदि से लोगों को निजात दिलाते देखे गए वहीं, अन्य जगहों पर भी पुलिसकर्मी आपातकालीन सेवाओं को जारी रखने में सहयोग करते रहे.





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