पादुका पूजन के साथ संपन्न हुआ प्रिया प्रियतम महोत्सव ..

कहा कि, पूज्य मामा जी महाराज सबके अपने थे और सब उनके अपने थे. जो भी व्यक्ति मामा जी से एक बार मिलता था उनका होकर रह जाता था. उनसे मिलने के पश्चात वो उतना स्नेह एवं प्रेम देते थे,जितना एक माँ अपने बच्चों को प्रेम करती है. मामा जी महाराज एक अद्वितीय संत थे, और बैकुंठ लोक में विराजमान होकर भी हम सबों को अपना आशीर्वाद प्रदान कर रहे हैं. उनकी स्मृतियों को सहेजने और संवर्धित करने की आवश्यकता है. 




- देश विदेश से पहुंचे साधु-संतों ने दी अपनी उपस्थिति
- विधि-विधान से संपन्न हुआ पादुका पूजन, मामा जी महाराज को किया गया नमन


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: श्री सीताराम विवाह महोत्सव,
नयी बाजार में पूज्य संत श्री नारायण दास भक्त माली उपाख्य मामा जी महाराज की पुण्य स्मृति में चल रहे श्री प्रिया-प्रियतम मिलन महोत्सव सह 13 वां निर्वाण दिवस महोत्सव, पादुका पूजन एवँ समष्टि भण्डारे के साथ आज संपन्न हो गया.
                  
प्रात: काल में श्री भक्तमाल जी के मूल पाठ से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, तत्पश्चात साविधि पादुका पूजन एवँ अभिषेक किया गया.
ढाई क्विंटल चरणामृत से मामाजी महाराज के पादुका का अभिषेक किया गया. पादुका पूजन के पश्चात समुपस्थित संत वृंद के द्वारा मामाजी महाराज की प्रतिमा का पूजन एवं श्रद्धा सुमन अर्पण किया गया. इस अवसर आश्रम में समष्टि भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तो एवँ संतो ने प्रसाद ग्रहण किया.
  



महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अयोध्या से पधारे श्री मैथिली रमन शरण जी महाराज ने कहा के पूज्य मामा जी महाराज महर्षि विश्वामित्र की परंपरा के उत्कृष्ट संत थे. मामाजी महाराज सादगी,सरलता एवं सहजता के प्रतिमूर्ति थे. श्री रामकृपाल दास जी महाराज (अयोध्या) ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पूज्य मामा जी महाराज सबके अपने थे और सब उनके अपने थे. जो भी व्यक्ति मामा जी से एक बार मिलता था उनका होकर रह जाता था. उनसे मिलने के पश्चात वो उतना स्नेह एवं प्रेम देते थे,जितना एक माँ अपने बच्चों को प्रेम करती है. मामा जी महाराज एक अद्वितीय संत थे, और बैकुंठ लोक में विराजमान होकर भी हम सबों को अपना आशीर्वाद प्रदान कर रहे हैं. उनकी स्मृतियों को सहेजने और संवर्धित करने की आवश्यकता है. आश्रम के महंत राजा राम शरण दास जी महाराज ने पूज्य मामा जी महाराज की कृतियों पर प्रकाश डाला और उनके द्वारा रचित विभिन्न रचनाओं की चर्चा की.



इस अवसर पर जनकपुर, नेपाल से राम रौशन शरण जी महाराज, श्रीजनक दुलारी शरण जी महाराज, यादव शरण जी महाराज (वृंदावन), मदन दास जी महाराज (मिथिला),बजरंग दास जी महाराज के साथ-साथ आश्रम परिवार से जुड़े हुए नागेंद्र कुमार पांडेय, सुनील जी सहाय, सत्यनारायण राय, जगनारायण उपाध्याय, नीतीश राय, झब्बूराय, राजीव राय सहित बड़ी संख्या में भक्तों  एवं  संत उपस्थित थे.









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