वृंदावन जा रहे पुरी शंकराचार्य का बक्सर में हुआ स्वागत ..

गुरुवार को पटना-कोटा ट्रेन में उनके प्रमुख शिष्यों के साथ सुरौंधा तिलक बाबा देवस्थान यज्ञ समिति के कार्यकर्ताओं संजय तिवारी, पप्पू ओझा, मनोज तिवारी आदि ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया. इस दौरान पं. शशि तिवारी ने मंत्र पाठ किया. बताया जा रहा है कि सभी स्वागत के लिए आरा पहुंच गए थे तथा वहीं से ट्रेन में सवार होकर उनके साथ बक्सर तक पहुंचे.

 




- पटना से वृंदावन जाने के क्रम में बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे शंकराचार्य
- पूर्व में भी बक्सर में हुआ था शंकराचार्य का आगमन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु-शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का गुरुवार को पटना से वृन्दावन जाने के क्रम में स्थानीय रेलवे स्टेशन पर दर्शन एवं स्वागत किया गया. महाराज जी पटना-कोटा स्पेशल ट्रेन से मथुरा की यात्रा कर रहे थे. ज्ञातव्य है कि वर्ष 2012 में महाराज जी के शिष्य आचार्य डॉ. भारत भूषण पाण्डेय ने बक्सर में उनका कार्यक्रम कराया था जिसमें किला मैदान में दो दिनों तक श्रीराम नाम मंत्र और महर्षि विश्वामित्र पर श्रीमज्जगद्गुरु-शंकराचार्य महाराज ने अद्भुत प्रवचन किया था. गुरुवार को पटना-कोटा ट्रेन में उनके प्रमुख शिष्यों के साथ सुरौंधा तिलक बाबा देवस्थान यज्ञ समिति के कार्यकर्ताओं संजय तिवारी, पप्पू ओझा, मनोज तिवारी आदि ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया. इस दौरान पं. शशि तिवारी ने मंत्र पाठ किया. बताया जा रहा है कि सभी स्वागत के लिए आरा पहुंच गए थे तथा वहीं से ट्रेन में सवार होकर उनके साथ बक्सर तक पहुंचे.




आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने कहा कि शंकराचार्य जी सचल शंकर होते हैं. उनके दर्शन की अद्भुत महिमा है. कलियुग के आरम्भ में जब नास्तिकों द्वारा सम्पूर्ण वैदिक धर्म और श्रद्धास्थलों को लांछित करने का साम्राज्यसेवित अभियान चलाया गया था तब आदि शंकराचार्य ने वैदिक धर्म, संस्कृति, चार धामों और चार पीठों की उद्भावना कर भारतवर्ष की एकता - अखण्डता - समरसता का मार्ग प्रशस्त किया. ढाई हजार वर्ष से अबाधित रूप से चल रही यह गुरु-परम्परा विश्व की प्राचीन संस्कृति और प्राणियों के कल्याण के मार्ग का प्रचार व विस्तार करती है. सनातन धर्म के सर्वोच्च आचार्य भगवान शंकराचार्य होते हैं. उनके दर्शन के सौभाग्य से जिले के लोगों को आह्लाद हो रहा है.








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