मोक्ष है जीवन का लक्ष्य - आचार्य भारत भूषण

धर्म से भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है. कथा से धर्म और भक्ति, भुक्ति तथा मुक्ति सभी प्राप्त होते हैं. कलिकाल में जब भक्ति, ज्ञान व वैराग्य जर्जर हो जाते हैं तब भागवत कथा का अनुष्ठान सनकादि संतों और देवर्षि नारदजी ने किया. धुन्धुकारी जैसे अधोगति को प्राप्त जीव भागवत श्रवण कर भगवद्धाम पधारते हैं. 

 



- डुमराँव अनुमंडल के सुरौंधा गाँव में आयोजित है कथा
- दूरदराज से कथा श्रवण को पहुंच रहे हैं श्रद्धालु

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमराँव अनुमंडल के सुरौंधा गाँव में तिलक बाबा देवस्थान में प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का सोमवार से शुभारंभ हुआ.  श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पहले दिन प्रवचन करते हुए आचार्य डॉ.भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि जीवन का लक्ष्य मुक्ति और जीने का साधन भक्ति है. उन्होंने कहा कि भगवान की शरणागति हो जाने पर जीवन सार्थक हो जाता है. धर्म से भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है. कथा से धर्म और भक्ति, भुक्ति तथा मुक्ति सभी प्राप्त होते हैं. कलिकाल में जब भक्ति, ज्ञान व वैराग्य जर्जर हो जाते हैं तब भागवत कथा का अनुष्ठान सनकादि संतों और देवर्षि नारदजी ने किया. धुन्धुकारी जैसे अधोगति को प्राप्त जीव भागवत श्रवण कर भगवद्धाम पधारते हैं. उन्होंने कहा कि कलिकाल में धर्म के साधन ही कमजोर हो जाते हैं. 




शास्त्रों के पूरे आदेश को छोड़कर आधे-अधूरे व मनमाना आचरण करना फल की कमी करनेवाला होता है. वर्ण-वेष निरपेक्ष कर्मकांड, यम-नियम निरपेक्ष योग और ज्ञान-वैराग्य निरपेक्ष भक्ति कलिकाल में प्रचलित हो जाती हैं किन्तु ये अपूर्ण और असंगत है. भागवत के आरंभ में ही भक्ति देवी अपने दोनों पुत्रों ज्ञान-वैराग्य के लिए चिंतित तथा देवर्षि नारद व सनकादि संतों के अनुग्रह से संपोषित होती हैं. कथा में पं.अनिल जी शास्त्री ने पूजन एवं मूल पाठ किया जबकि यज्ञ समिति के अध्यक्ष मनसानन्द तिवारी, भरत तिवारी, राम वदन तिवारी आदि  ने अतिथियों का स्वागत किया. कथा 21 मार्च तक चलेगी. क्षेत्र के तमाम गाँवों के श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण तथा यज्ञ की परिक्रमा की.







Post a Comment

0 Comments