बनने के एक साल के बाद ही जमींदोज हुई 20 लाख की लागत से बनी नाली ..

नगर परिषद के खेल निराले हैं. जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स वसूलने के बाद लाखों करोड़ों रुपये का इस तरह से बंदरबांट किया जाता है मानो लूट मची हो. पैसे का इस्तेमाल कहां तथा किस लिए किया जा रहा है यह बात जनता के फायदे के लिहाज से नहीं बल्कि अपनी सहूलियत के हिसाब से तय की जाती है.





- नगर के नया बाज़ार इलाके में बनी थी नाली
- मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली पक्कीकरण निश्चय योजना के अंतर्गत हुआ था निर्माण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद के खेल निराले हैं. जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स वसूलने के बाद लाखों करोड़ों रुपये का इस तरह से बंदरबांट किया जाता है मानो लूट मची हो. पैसे का इस्तेमाल कहां तथा किस लिए किया जा रहा है यह बात जनता के फायदे के लिहाज से नहीं बल्कि अपनी सहूलियत के हिसाब से तय की जाती है. नगर परिषद एक बार फिर अपनी कारस्तानी से चर्चा में है दरअसल, मुख्यमंत्री शहरी नाली गली पक्कीकरण निश्चय योजना के अंतर्गत नया बाजार में अप्रैल 2019 में 19 लाख 39 हजार रुपये की लागत से एक नाली का निर्माण कराया गया. नाली प्रखंड कार्यालय से शुरु होकर नया बाजार जाने वाले रास्ते में एक चाय दुकान के पास जाकर खत्म हो गई. निर्माण के समय ही इस नाले की उपयोगिता पर सवाल उठाए गए थे लेकिन, नगर परिषद के अधिकारी तथा अभियंता कान में तेल डाले रहे. नतीजा यह हुआ कि नाली तो निर्मित हो गई लेकिन, उसका उपयोग नहीं हो रहा था.






इसी बीच पथ निर्माण विभाग के द्वारा अंबेडकर चौक से बाजार समिति होते हुए नया बाजार के रास्ते मठिया मोड़ तक सड़क निर्माण कराए जाने लगा. सड़क निर्माण के दौरान पुरानी नाली मिट्टी के नीचे दब कर रह गई है. आश्चर्य की बात यह है कि ना तो इस बात का कोई विरोध हुआ और ना ही इस विषय में किसी जिम्मेदार पदाधिकारी ने संज्ञान लिया.ऐसे में भ्रष्टाचार का यह मामला कहीं ना कहीं सरकारी व्यवस्था की नाकामी की कहानी कहता नज़र आ रहा है. मजे की बात तो यह है कि स्थानीय वार्ड पार्षद भी इस मामले में कोई विशेष संज्ञान नहीं ले रहे पूछे जाने पर स्थानीय वार्ड पार्षद निर्मला देवी ने बताया कि नप के कार्यपालक पदाधिकारी से इस विषय पर बात हुई है. उनका कहना है कि इस नाली में दूसरी नाली जोड़ कर इसे उपयोगी बनाया जाएगा.










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