कोरोना जांच में आरटीपीसीआर टेस्ट से मिल रहा धोखा, मास्क सबसे बड़ा हथियार: डॉ. दिलशाद

बताया कि फरवरी महीने में वैक्सीन आने की खुशी और बड़ी-बड़ी पार्टियों तथा शादी समारोह के आयोजन के दौरान संक्रमण रोधी नियमों को भुला दिया गया था. यही वजह है कि कोरोना वायरस की रफ्तार बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि जरूरी है कि लोग अनावश्यक घरों से बाहर ना निकले. 






- चिकित्सक ने बताया चालबाज़ है कोरोना का नया स्वरूप 
- पहले से ज्यादा सतर्कता बरतने की है जरूरत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना का नया स्ट्रेन चालबाज है. यह आरटीपीसीआर टेस्ट में भी पकड़ में नहीं आ रहा. ऐसे में पहले से ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है. बेमतलब घरों से बाहर जाने से परहेज के साथ-साथ मास्क का नियमित उपयोग एवं हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज करने की आवश्यकता है. यह कहना है साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक चिकित्सक डॉ. दिलशाद आलम का.




उन्होंने बताया कि नए तरीके के कोरोना वायरस की जांच के लिए सीटी स्कैन चेस्ट कराना जरूरी है, यदि उससे भी पकड़ में नहीं आए तो ब्रोंकोएलेवल लैवरेज टेस्ट कराने की आवश्यकता पड़ती है. उन्होंने बताया कि साधारण मरीज के फेफड़े तीन दिन में खराब हो सकते हैं. ऐसे में जरूरी है की सोशल डिस्टेंसिंग तथा कोरोना वायरस बचाव के अन्य निर्देशों को माना जाए. ऐसा नहीं करने पर मौतों की संख्या में इजाफा हो सकता है. उन्होंने बताया कि फरवरी महीने में वैक्सीन आने की खुशी और बड़ी-बड़ी पार्टियों तथा शादी समारोह के आयोजन के दौरान संक्रमण रोधी नियमों को भुला दिया गया था. यही वजह है कि कोरोना वायरस की रफ्तार बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि जरूरी है कि लोग अनावश्यक घरों से बाहर ना निकले. उन्होंने बताया कि साबित खिदमत फाउंडेशन और विश्व मानव अधिकार सुरक्षा आयोग की तरफ से मुफ्त मास्क तथा ऑक्सीजन आदि का वितरण किया जाएगा.











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