वीडियो: संकट काल में केवल बैट्री व टायर के लिए सर्व सुविधा संपन्न 5 एंबुलेंस बंद ..

इसके अतिरिक्त वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान जो 5 एंबुलेंस एसजेवीएन के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को दिए गए थे वह तकरीबन एक माह से वर्कशॉप में ही खड़े हैं. वर्कशॉप संचालक ने बताया कि इंजन तथा अन्य गड़बड़ियों को दुरुस्त किए जाने तथा सर्विसिंग आदि करने के बाद एंबुलेंस को ठीक कर दिया गया है लेकिन, बैटरी और टायर के अभाव में यह एंबुलेंस यहां से जा नहीं पा रही हैं.






- एक माह से वर्कशॉप में खड़ी है 5 एम्बुलेंस, परेशान हो रहे लोग 
- एसजेवीएन के द्वारा प्रदान किए गए थे सर्व सुविधा संपन्न एंबुलेंस
- महज बैटरी एवं टायर के कारण वर्कशॉप से नहीं निकल पा रही गाड़ियां

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वास्थ्य व्यवस्था को किए जाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जाने की बात जिला प्रशासन के द्वारा कही जा रही है लेकिन, उन बातों में कितनी सच्चाई है वह अक्सर धरातल पर देखने को मिल ही जाती है. कोरोना काल में एंबुलेंस की उपयोगिता कितनी है यह बात किसी से छिपी नहीं है लेकिन, हालात यह है कि बक्सर में संचालित 22 एंबुलेंस में से केवल 15 ही ऑन रोड हैं. इसके अतिरिक्त वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान जो 5 एंबुलेंस एसजेवीएन के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को दिए गए थे वह तकरीबन एक माह से वर्कशॉप में ही खड़े हैं. वर्कशॉप संचालक ने बताया कि इंजन तथा अन्य गड़बड़ियों को दुरुस्त किए जाने तथा सर्विसिंग आदि करने के बाद एंबुलेंस को ठीक कर दिया गया है लेकिन, बैटरी और टायर के अभाव में यह एंबुलेंस यहां से जा नहीं पा रही हैं.




दरअसल, एसजेवीएन थर्मल पॉवर लिमिटेड के द्वारा लाइफ सपोर्ट वेंटिलेटर की तथा अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एंबुलेंस जिला स्वास्थ्य समिति को प्रदान किए गए थे लेकिन, अभी बक्सर के गोलंबर के समीप स्थित टाटा मोटर्स के अधिकृत सर्विस सेंटर में महीने भर से खड़े हैं.  दरअसल, सर्व सुविधा संपन्न एंबुलेंस केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर एसजेवीएन के द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति को प्रदान किए गए थे. अब इसे जिला स्वास्थ्य समिति की उदासीनता कहें या कुछ और महज टायर और बैटरी के कारण एंबुलेंस सेवा से लोग वंचित हो रहे हैं.

टाटा मोटर्स के अधिकृत सर्विस सेंटर दुर्गा मोटर्स के वर्कशॉप मैनेजर शशिकांत कुमार बताते हैं कि, तकरीबन एक माह पूर्व 5 एंबुलेंस सर्विसिंग के लिए लाए गए थे. सभी एंबुलेंसों की सर्विसिंग कर दी गयी है लेकिन, टायर और बैटरी का अप्रूवल नहीं मिला है. इसलिए गाड़ियां खड़ी हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि आज जब कोरोना काल में मरीज व उनके परिजन एंबुलेंस सेवा के लिए परेशान हैं वहीं, जिला स्वास्थ्य समिति एवं प्रशासन एंबुलेंस को लेकर कितना लापरवाह क्यों बना हुआ है? यह भी सोचने की बात है कि जहां संसाधनों के आभाव में लोगों की जान जा रही हो वहीं, लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस महज टायर और बैटरी के लिए वर्कशॉप में क्यों खड़ी हैं?

कहते हैं जिलाधिकारी:

एम्बुलेंस कि सर्विसिंग होने के बाद भी वह क्यों खड़ी है इसका पता लगा कर जल्द ही उन्हें दुरुस्त कराने का प्रयास किया जाएगा. 

अमन समीर
जिलाधिकारी

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