8 माह से बंधक बनाकर ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करा रहा था संचालक, मांगे पैसे तो ..

सभी श्रमिक पूरे परिवार के साथ बक्सर रेलवे स्टेशन पर शरण लिए हुए हैं जहां किसी सामाजिक संस्था के द्वारा उन्हें भोजन तो कराया गया लेकिन अब उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने गृह जिले नालंदा लौट सकें. मामले की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय को दी गई जिसके बाद उन्होंने तुरंत ही इस पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

 





- मजदूरों को जबरदस्ती भगाया, नहीं दिए पैसे
- स्थानीय रेलवे स्टेशन पर भूख से तड़पते मजदूरों को सामाजिक संस्था ने कराया भोजन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के डिहरी गांव में ईट भट्टे पर मजदूरों से 8 माह तक बंधक बनाकर काम कराने के बाद उन्हें बिना पैसा दिए मारपीट कर भगा देने का मामला सामने आया है. सभी श्रमिक पूरे परिवार के साथ बक्सर रेलवे स्टेशन पर शरण लिए हुए हैं जहां किसी सामाजिक संस्था के द्वारा उन्हें भोजन तो कराया गया लेकिन अब उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने गृह जिले नालंदा लौट सकें. मामले की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय को दी गई जिसके बाद उन्होंने तुरंत ही इस पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.




पीड़ित मजदूरों ने बक्सर रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों के समक्ष अपनी व्यथा रखी. उन्होंने बताया कि वह डिहरी गांव में मां जानकी ईट उद्योग में काम करते हैं. ईंट-भट्ठे के मालिक के द्वारा अक्सर ही उनके साथ मारपीट की जाती रहती है. पिछले 8 महीनों से उन्हें वेतन भी नहीं मिला है. वेतन मांगने पर ईंट-भट्ठे के मालिक ने सभी मजदूरों से कहा कि उनका पैसा ठेकेदार को दे दिया गया है. दरअसल, किसी ठेकेदार ने उन्हें इस भट्ठे तक पहुंचाया था. मजदूरों ने किसी तरह संपर्क साध कर जब ठेकेदार को बुलाया गया तो ईंट-भट्ठे के मालिक ने ठेकेदार को बंधक बना लिया और मजदूरों को बिना पैसा दिए ही डांट डपट कर भगा दिया मजदूर रोते- गिड़गिड़ाने रहे कि उनके पास घर जाने तक के पैसे नहीं है लेकिन, फिर भी ईंट-भट्ठा संचालक ने उनकी बात नहीं सुनी. उन्हें एक ट्रैक्टर पर लादकर चौसा रेलवे स्टेशन छोड़ दिया गया. जहां से मजदूर किसी तरह बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंचे लेकिन, यहां से आगे का सफर वह कैसे करेंगे इस बात को लेकर वह काफी चिंतित हैं. इसी बीच भूख से परेशान मजदूरों तथा उनके परिजनों को देखकर गरुड़ सेवा संस्थान नामक संगठन के द्वारा उनके भोजन का प्रबंध किया गया.  

उधर, मामले की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय को भी दी गई, जिसके बाद उन्होंने तुरंत ही मामले में संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.




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