पुलिस के द्वारा जिस युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया उसके पिता का यह कहना है कि उक्त युवक नेत्र दिव्यांग है उसकी आंखों की रोशनी 80 फीसद तक गायब है लेकिन पुलिस केवल चोरी गए एक मोबाइल के आधार पर ही उसे अभियुक्त मान रही है.
- मुफस्सिल थाना क्षेत्र में लूट के आरोप में पकड़े गए युवक के पिता ने सुनाई व्यथा
- कहा, गुम हो चुके मोबाइल के आधार पर बना दिया लूट का अभियुक्त
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पुलिसिया जांच पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. एक बार फिर लूट के आरोपी को जेल भेजे जाने के बाद इसी तरह के सवाल उठाए गए हैं. पुलिस के द्वारा जिस युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया उसके पिता का यह कहना है कि उक्त युवक नेत्र दिव्यांग है उसकी आंखों की रोशनी 80 फीसद तक गायब है लेकिन पुलिस केवल चोरी गए एक मोबाइल के आधार पर ही उसे अभियुक्त मान रही है.
मामला 21 के वार्ड पार्षद चक्रवर्ती चौधरी के पुत्र अविनाश कुमार जुड़ा हुआ है. अविनाश को लूटकांड का आरोपी बनाया गया है लेकिन, उनके पिता का कहना है कि अविनाश 80 फीसद नेत्र विकलांग है, जिसका पटना के शंकर नेत्रालय में इलाज चल रहा है. इतना ही नहीं जिस लूटकांड में अविनाश को अभियुक्त बनाया गया है. उस लूट कांड के पीड़ित में वर्ष 2016 में ही यह शपथ पत्र दे दिया है कि, अविनाश इस लूट कांड में नहीं शामिल हैं.
चोरी गए मोबाइल के आधार पर लूट कांड में डाला नाम:
चक्रवर्ती चौधरी का कहना है कि, पुलिस ने अविनाश के वर्ष 2014 में चोरी हुए मोबाइल फोन के आधार पर उसे इस कांड में अभियुक्त बताया है जबकि, वह मोबाइल इस घटना से काफी पहले ही चोरी हो गया था. उन्होंने बताया है कि, पुलिस मामले में एक बार भी जांच करने के लिए अथवा पूछताछ करने के लिए उनके पास नहीं आई जबकि, उनका पुत्र अपनी दवा दुकान पर सुबह से शाम तक बैठा रहता है. अचानक 6 वर्षों के बाद पुलिस ने उन्हें फरार बताते हुए गिरफ्तार कर लिया. पूर्व पार्षद ने बताया कि मामले को लेकर वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
मामले में पूछे जाने पर एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व पार्षद यदि अपना पक्ष रख रहे हैं तो उस पर भी जांच की जाएगी और जांचोपरांत रिपोर्ट न्यायालय को सुपुर्द कर दी जाएगी यदि, उनका पुत्र निर्दोष होगा तो निश्चित रूप से वह दोषमुक्त साबित होगा.
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