सोनवर्षा ओपी थाना क्षेत्र के राज्य खाद्य निगम के गोदाम से डोर स्टेप डिलीवरी वाहन को जबरदस्ती शव ढोने के लिए भेजने तथा विरोध करने पर पुलिसकर्मियों के द्वारा वाहन चालक से मारपीट का एक मामला सामने आया है. मामले का वीडियो भी वायरल हो रहा है. मामला मंगलवार का है पूरे दिन चर्चा में रहा. हंगामे के कारण डोर स्टेप डिलीवरी का कार्य प्रभावित हुआ.
- सोनवर्षा ओपी थाना क्षेत्र के एसएफसी गोदाम का है मामला
- हंगामे के कारण दिन भर प्रभावित रहा खाद्यान्न वितरण का कार्य
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सोनवर्षा ओपी थाना क्षेत्र के राज्य खाद्य निगम के गोदाम से डोर स्टेप डिलीवरी वाहन को जबरदस्ती शव ढोने के लिए भेजने तथा विरोध करने पर पुलिसकर्मियों के द्वारा वाहन चालक से मारपीट का एक मामला सामने आया है. मामले का वीडियो भी वायरल हो रहा है. मामला मंगलवार का है पूरे दिन चर्चा में रहा. हंगामे के कारण डोर स्टेप डिलीवरी का कार्य प्रभावित हुआ.
इस बाबत गोदाम प्रबंधक के द्वारा निगम के जिला प्रबंधक तथा जिला प्रबंधक के द्वारा डुमरांव अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई गई है. साथ ही साथ यह कहा गया है कि जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के द्वारा हड़ताल के कारण पहले ही डुमरांव अनुमंडल का वितरण कार्य काफी विलंब से शुरू किया गया है. ऐसे में सोनवर्षा ओपी प्रभारी श्रीकांत उपाध्याय एवं अन्य पुलिसकर्मियों के द्वारा डोर स्टेप डिलीवरी वाहन को नावानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डेड बॉडी ले जाने हेतु जबरदस्ती जब्त कर लिया गया. इतना ही नहीं जब वाहन चालक के द्वारा जाने से इनकार किया गया तो उसके साथ मारपीट करते हुए जबरदस्ती उसे ले जाया गया.
हंगामे के बाद चालकों ने बंद किया काम:
एसएफसी के जिला प्रबंधक ने अनुमंडल पदाधिकारी को प्रेषित पत्र में बताया है कि इस घटना के बाद हुए हंगामे के कारण मंगलवार का उठाव कार्य प्रभावित हुआ. गोदाम पर कार्यरत सभी वाहन चालक क्षुब्ध होकर काम छोड़ कर चले गए जो कि काफी समझाने-बुझाने के बाद लौटे.
एसडीएम से की पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की मांग:
उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया है कि, सरकार द्वारा जिस प्रकार शीघ्र खाद्यान्न लाभुकों तक पहुंचाने का दबाव है. ऐसी स्थिति में पुलिस कर्मियों के द्वारा किया गया गैर जिम्मेदाराना कार्य निश्चित रूप से कार्य को प्रभावित करेगा. ऐसे में संबंधित पुलिस पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए वाहन को शीघ्र गोदाम पर उपलब्ध कराया जाए ताकि लक्ष्यांकित वितरण को पूरा किया जा सके.
कहते हैं एसडीएम:
एसएफसी के जिला महाप्रबंधक के द्वारा पत्र भेजा गया है लेकिन मारपीट की बात संज्ञान में नहीं आई है. उन्होंने फोन कर केवल गाड़ी छुड़वाने की बात कही थी इसके लिए थानाध्यक्ष को कह दिया गया. आगे देखते हैं क्या किया जा सकता है?
हरेंद्र राम
अनुमंडल पदाधिकारी,
डुमरांव
वीडियो:
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