शांति एवं समृद्धि के अग्रदूत थे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरु: राजेश शर्मा

आजादी के पश्चात भारत मुक्त हुआ तो एक पिछड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरु ने संभाला अपने सामाजिकता एवं लोकतांत्रिक विचार के दम-खम पर पंडित नेहरू ने एक अखंड भारत का सपना साकार कर दिखाया, जिसमें उनके परम सहयोगी साथी सरदार वल्लभ भाई पटेल ने खंड-खंड हिंदुस्तान एक सूत्र में 565 रियासतों को बांधने का काम किया. 





        

- प्रथम प्रधानमंत्री के कृतत्व को लेकर आयोजित हुआ सेमिनार
- वक्ताओं ने किया व्यक्तित्व तथा कृतित्व को याद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारत की जनवादी नौजवान सभा, भारत का छात्र फेडरेशन तथा कांग्रेस नेता डॉ. सत्येन्द्र ओझा के नेतृत्व में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की शहादत दिवस पर उनके तैल्य चित्र माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम का आयोजन कॉमरेड राजेश कुमार शर्मा के आवास पर हुआ. जिसमें एक वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया सेमिनार का विषय था 'पंडित जवाहरलाल नेहरु एवं भारत में उनका मजबूत'.



सेमिनार की अध्यक्षता सीपीएम के जिला कमेटी सदस्य धीरेंद्र कुमार चौधरी ने किया. मंच संचालन एसएफआई के छात्र नेता प्रतीक आनंद एवं निहाल खान ने किया. मौके पर  डॉ. सत्येन्द्र ओझा एवं राजेश कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व में आज़ादी की लड़ाई को एक लोकतांत्रिक एवं संघर्षशील दिशा प्राप्त हुई.  आजादी के पश्चात भारत मुक्त हुआ तो एक पिछड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरु ने संभाला अपने सामाजिकता एवं लोकतांत्रिक विचार के दम-खम पर पंडित नेहरू ने एक अखंड भारत का सपना साकार कर दिखाया, जिसमें उनके परम सहयोगी साथी सरदार वल्लभ भाई पटेल ने खंड-खंड हिंदुस्तान एक सूत्र में 565 रियासतों को बांधने का काम किया. इस दौरान भारत के समक्ष ऐसे संविधान को अपनाए जाने की चुनौती थी जो गरीबी और भुखमरी के शिकार भारतीयों को खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर करने एवं उद्योग धंधों के मामले में प्रभुत्व संपन्नता  प्राप्त करने के लिए अभूतपूर्व कार्य कर दिखाए. 





भारत के संविधान की उद्देशिका में उन्होंने जिस बंधुत्व, न्याय, समानता एवं धर्मनिरपेक्षता सहित मूलभूत अवधारणाएं की बात कही वह अपने आप में अद्भुत है. ऐसे प्रधानमंत्री का होना ही मात्र भारत को पिछड़ी अर्थव्यवस्था से अत्याधुनिक अर्थव्यवस्था के मार्ग को प्रशस्त करने का रास्ता साफ कर सकता था. जिसे पंडित नेहरु और उनकी सहयोगी कैबिनेट ने कर दिखाया. योजना आयोग, किसी से क्षेत्र में विशेष उपलब्धि, उद्योग धंधों का विस्तार, शिक्षा-स्वास्थ्य पर अभूतपूर्व कार्य जैसे अनेकों अनेक कार्यों में, सबसे मजबूत कार्य आपसी प्रेम और सौहार्द को भारत क्षेत्र के अंतर्गत नेहरू जी की प्राथमिकता का विषय था उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के जरिए समूचे विश्व को शांति एवं सुरक्षा के लिए किए जाने वाले प्रयासों को अत्यंत ही मजबूत बनाया और भारत की एक ऐसी पहचान बनाई जो अब भारत वर्ष के इतिहास असाधारण कार्य सिद्ध हुआ. कार्यक्रम के अंत में 2 मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उन्हें पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन राहुल ओझा ने किया. मौके पर रोहित ओझा, डब्लू खान, रिक्कू खान रिंकू खान, कमाल खान मौजूद रहे.




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