पहले जहां प्रतिदिन लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के टिकट खरीदने से डेढ़ लाख रुपये तक के प्रति दिन की आमदनी होती थी वहीं अब यह आमदनी घट कर महज 15 से 20 हज़ार रुपये रह गई है. इतना ही नहीं रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर भी यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है. पहले जहां दो से ढाई लाख रुपये तक राजस्व की प्राप्ति होती थी वहीं अब वहां भी 20 हज़ार से 30 हज़ार रुपये तक प्रतिदिन का कलेक्शन आ रहा है.
- हर दिन 80 फीसद तक कम यात्री कर रहे यात्रा
- काफी संख्या में अन्य प्रदेशों के रिजर्वेशन कैंसिल करा रहे लोग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: संक्रमण काल में लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर एक तरफ जहां बिहार में लॉकडाउन लगाया गया है वहीं, दूसरी तरफ बाहर के प्रदेशों से बिहार में काफी संख्या में प्रवासियों की घर वापसी हुई है. इसके बाद से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या ना के बराबर हो गई है. जिन लोगों ने रिजर्वेशन कराएं भी हैं वह लगातार रिजर्वेशन कैंसिल करा रहे हैं. इतना ही नहीं लॉकडाउन लग जाने के बाद लोकल शहरों के बीच भी आवागमन में खासी कमी आई है. लोकल यात्रा टिकट बिक्री में 80 फीसद तक की कमी दर्ज की गई है. ऐसे में रेलवे को राजस्व की भारी क्षति उठानी पड़ रही है. जिसके कारण कई पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया गया है उधर ट्रेनों का परिचालन बंद किए जाने से एक ही ट्रेन में काफी संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं, जिससे संक्रमण के प्रसार की आशंका भी बढ़ जा रही है.
दिल्ली में बतौर वेब डेवलपर कार्यरत उत्तर प्रदेश के बलिया के मूल निवासी मिथिलेश कुमार सिंह बताते हैं कि, दिल्ली में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कई महीने उन्हें गांव पर आकर गुजारने पड़े. बच्चों का स्कूल भी फिलहाल बंद हैं ऐसे में उन्होंने अपना पूरा व्यवसाय ही गांव में सेट कर लिया है. यहीं से बैठे-बैठे वह ऑनलाइन अपने कस्टमर्स को सेवा दे रहे हैं. गुड़गांव एक फैक्ट्री में काम करने वाले सिकरौल थाना क्षेत्र के स्थानीय गांव के रहने वाले महाराज सिंह बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद वह घर लौट आए हैं हालांकि, कंपनी के द्वारा उन्हें फिर से बुलाया गया था जिसके लिए उन्होंने रिजर्वेशन भी कराया था लेकिन, कोरोना के बढ़ते और नए तरह के प्रसार में उन्हें चिंतित कर दिया है. ऐसे में उन्होंने अपना रिजर्वेशन कैंसिल करा लिया और अब वह गांव पर ही रह कर कोई छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपना जीवन यापन करेंगे.
रेलवे के बुकिंग सुपरवाइजर ए. एच खान बताते हैं कि, वर्तमान समय में लोकल ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है. पहले जहां प्रतिदिन लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के टिकट खरीदने से डेढ़ लाख रुपये तक के प्रति दिन की आमदनी होती थी वहीं अब यह आमदनी घट कर महज 15 से 20 हज़ार रुपये रह गई है. इतना ही नहीं रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर भी यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है. पहले जहां दो से ढाई लाख रुपये तक राजस्व की प्राप्ति होती थी वहीं अब वहां भी 20 हज़ार से 30 हज़ार रुपये तक प्रतिदिन का कलेक्शन आ रहा है. भारी संख्या में रिजर्वेशन कैंसिल कराने वाले यात्री भी पहुंच रहे हैं.
कहते हैं अधिकारी:
यात्रियों की संख्या घटने से पूर्व मध्य रेल मंडल के विभिन्न रूटों में कई ट्रेनों को रद्द किया गया है समय समय पर हम समीक्षा कर रहे हैं और यह देख रहे हैं कि आगे किस तरह की परिस्थितियां सामने आ रही हैं हालांकि, ट्रेनों को रद्द करने के दौरान इस बात का ख्याल रख रखा जा रहा है कि दैनिक यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो तथा सभी रूटों पर ट्रेनों का परिचालन होता रहे.
राजेश कुमार
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी,
पूर्व-मध्य रेलवे, हाज़ीपुर
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