कहा कि, सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे जहां 50 दिन से ज्यादा समय से अपने संसदीय क्षेत्र से गायब होते हुए भी केवल फेसबुक पर अपना चेहरा चमका रहे हैं वहीं, स्थानीय विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी जिला अतिथि गृह के एसी कमरे में बैठकर केवल बयानबाजी में ही लगे हैं. वह लोगों की मदद करने के लिए ट्विटर पर उन्हें टैग करने की बात कहते हैं. ऐसे में कोई उन्हें समझाए कि गरीब मजदूर के पास टि्वटर अकाउंट तो क्या स्मार्टफोन तक नहीं है.
- मजदूर नेता ने साधा आरोप-प्रत्यारोप कर रहे सांसद और विधायक पर निशाना
- कहां कभी नहीं ली स्वास्थ्य व्यवस्था की सुध, अब कर रहे लोगों को लड़ाने का काम
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: बक्सर के सांसद तथा सदर विधायक आजकल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में मशगूल हैं लेकिन जनता के कष्ट और दर्द से इन्हें कोई मतलब नहीं है जबकि, सच्चाई यह है कि दोनों ही हवा-हवाई हैं तथा इस संक्रमण काल में जनताा से क्रूर मजाक कर रहे हैं. यह कहना है महर्षि च्यवन थर्मल पॉवर मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सह अधिवक्ता डॉ अश्विनी कुमार वर्मा का.
उन्होंने कहा कि, सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे जहां 50 दिन से ज्यादा समय से अपने संसदीय क्षेत्र से गायब होते हुए भी केवल फेसबुक पर अपना चेहरा चमका रहे हैं वहीं, स्थानीय विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी जिला अतिथि गृह के एसी कमरे में बैठकर केवल बयानबाजी में ही लगे हैं. वह लोगों की मदद करने के लिए ट्विटर पर उन्हें टैग करने की बात कहते हैं. ऐसे में कोई उन्हें समझाए कि गरीब मजदूर के पास टि्वटर अकाउंट तो क्या स्मार्टफोन तक नहीं है. ये दोनों नेता केवल जनता को मूर्ख बनाने के लिए आपस में लड़ने का अभिनय कर रहे हैं. जिससे इनके समर्थकों साथ-साथ आम लोग भी मूल समस्या को भूलकर केवल आपसी संबंध खराब करने पर तुले हुए हैं.
जिस अस्पताल का श्रेय लड़ रहे थे नहीं ली है उसकी सुध:
श्री वर्मा ने कहा कि, सांसद और विधायक दोनों शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वैलनेस सेंटर में तब्दील होने के बाद इसके उद्घाटन के दौरान ही आपस में भिड़ गए थे. कुछ ही दिनों के बाद वेलनेस सेंटर की बदहाल व्यवस्था को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दोनों जनप्रतिनिधियों को न्यायालय में घसीटा था. बावजूद इसके इन्होंने अब तक ना तो उस वेलनेस सेंटर की सुधि ली है. इतना ही नहीं जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्र भी बदहाल है लेकिन उन पर इनकी नजरें इनायत नहीं होती. जबकि दोनों नेता बैठकों के दौरान खूब लंबी-चौड़ी बातें करते हैं.
लाखों रुपये प्रतिमाह लेते हैं वेतन, जनता भीख में मांग रही ऑक्सीजन फ्लो मीटर:
मजदूर नेता ने बताया कि जनप्रतिनिधि लाखों रुपये वेतन लेते हैं लेकिन, अब तक इन्होंने महामारी के इस काल में वेतन दान तो दूर अपनी निधि का इस्तेमाल करना भी सुनिश्चित नहीं किया. ऐसे में मजबूर जनता दूसरे जिले के जनप्रतिनिधियों तथा अन्य लोगों से ऑक्सीजन फ्लो मीटर की भीख मांग रही है. ऐसे में जनता को अभी सचेत हो जाना चाहिए तथा ऐसे लोगों को वक्त पर सबक सिखाने के लिए अपने मताधिकार का सही प्रयोग करना चाहिए.
0 Comments