नए समय के साथ खुलेंगी दुकानें, निर्माण सामग्री बिक्री की छूट, बिना मेहमानों के करनी होगी शादी ..

अस्पताल एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य प्रतिष्ठान, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एंबुलेंस सेवा यथावत कार्य करते रहेंगे. रात्रि कर्फ्यू शाम 6:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक मान्य होगा. रेस्टोरेंट्स तथा भोजन की दुकानें सुबह 9:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक होम डिलीवरी के लिए खोली जा सकेंगी. मिठाई की दुकान केवल 4:00 बजे तक खुल सकेंगी. 

 


 




- सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी ने जारी किए नए गाइडलाइंस
- उल्लंघन पर आपदा अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: कोरोना पॉजिटिव मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बिहार में लॉकडाउन को विस्तारित कर दिया गया है. आगामी 25 मई तक लॉकडाउन के सभी नियम लागू रहेंगे हालांकि, इसमें थोड़ा सा बदलाव यह किया गया है कि, अब सब्जी, मांस, मछली, दूध जन वितरण प्रणाली की दुकान है जो कि सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक खुला करती थी शहरी क्षेत्रों में उनके खुलने का समय सुबह 6:00 से 10:00 बजे तक कर दिया गया है वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में यह दुकान 8:00 से 12:00 बजे तक खुल सकेंगी. इसके अतिरिक्त निर्माण सामग्री संबंधी हार्डवेयर तथा बीज और खाद की दुकानें सप्ताह में 2 दिन सोमवार एवं गुरुवार को सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे तक खुली रह सकती हैं इतना ही नहीं शादी समारोह में अब केवल 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे. यह जानकारी देते हुए सूचना सह जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने बताया, संक्रमण काल में केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकान अथवा सेवाएं खुली रह सकती हैं. जिनमें कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएं, निजी सुरक्षा सेवाएं, ठेला पर फल- सब्जी और फल के घूम घूम कर बिक्री शामिल हैं.

लीची, आम इत्यादि फलों की पैकिंग हेतु पेटियों के निर्माण संबंधित दुकान तथा आरा मिल जिला पदाधिकारी के अनुमति के पश्चात खोली जा सकेंगी. इसके अतिरिक्त अस्पताल एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य प्रतिष्ठान, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एंबुलेंस सेवा यथावत कार्य करते रहेंगे. रात्रि कर्फ्यू शाम 6:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक मान्य होगा. रेस्टोरेंट्स तथा भोजन की दुकानें सुबह 9:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक होम डिलीवरी के लिए खोली जा सकेंगी. मिठाई की दुकान केवल 4:00 बजे तक खुल सकेंगी. 

अनावश्यक सार्वजनिक स्थानों एवं मार्गों पर आना जाना प्रतिबंधित होगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट निर्धारित बैठने की संख्या के 50 फीसद की लोगों के साथ ही चल सकेंगे. इसके अतिरिक्त यदि किसी को आवश्यक कार्य से जिला अथवा राज्य के बाहर जाने की आवश्यकता हो तो उन्हें ई-पास बनाना होगा. इन सभी नियमों का उल्लंघन करने पर आपदा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी.











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