रेलवे की पटरी अपने कानों में मोबाइल अथवा हेडफोन लगाकर पार करना अपने जीवन से खिलवाड़ करना है. ऐसे में अपने जीवन की कीमत हर व्यक्ति को पहचाननी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ पल का इंतजार हमारी जिंदगी बचा सकता है क्योंकि, हमारे परिवार एवं बच्चों का जीवन हमारे जीवन के ऊपर आश्रित हैं. ऐसे में अपने जीवन की रक्षा करना हर व्यक्ति का दायित्व है.
- रेल फाटक पार करते वक्त सावधानी बरतने की कही गई बात
- अधिकारियों ने बताया अपने जीवन की कीमत पहचानना जरूरी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अंतर्राष्ट्रीय समपार फाटक जागरूकता दिवस के मौके पर विभिन्न रेलवे क्रॉसिंग फाटक पर पहुंचकर रेल अधिकारियों ने लोगों को फाटक पार करते समय जागरूकता बनाए रखने की बात कही. मौके पर लोगों को रेलवे अधिनियम के तहत बंद फाटक को जबरन पार करने पर किए जाने वाले जुर्माने तथा इससे होने वाले खतरे के बारे में आगाह किया. इस दौरान स्टेशन प्रबंधक राजन कुमार ने बताया कि जिन जगहों पर मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग बनाया गया है वहां क्रॉसिंग करते समय रुक कर दोनों तरफ देखते हुए धीरे-धीरे रेलवे लाइन पार करनी चाहिए ताकि, दुर्घटना की कोई आशंका ना रहे. उन्होंने कहा कि जिस रेलवे क्रॉसिंग पर चौकीदार हो वहां चौकीदार को डरा-धमका कर रेलवे फाटक खुलवाना कानूनन जुर्म तो है ही दूसरी तरफ अपने तथा रेल यात्रियों की जान जोखिम में डालने जैसा भी है.
मौके पर मौजूद वाहन चालकों को इस संदर्भ में जागरूकता हैंड बिल देते हुए एसएम ने कहा कि, रेलवे फाटक बंद हो तो उसके बगल से अथवा किसी भी तरह उसे पार करना गलत है. देखें कि कोई रेलगाड़ी तो ट्रैक पर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि, पैदल अथवा गाड़ी से रेलवे लाइन वहीं पार करें जहां अधिकृत रेलवे फाटक हो. रेलवे की पटरी अपने कानों में मोबाइल अथवा हेडफोन लगाकर पार करना अपने जीवन से खिलवाड़ करना है. ऐसे में अपने जीवन की कीमत हर व्यक्ति को पहचाननी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ पल का इंतजार हमारी जिंदगी बचा सकता है क्योंकि, हमारे परिवार एवं बच्चों का जीवन हमारे जीवन के ऊपर आश्रित हैं. ऐसे में अपने जीवन की रक्षा करना हर व्यक्ति का दायित्व है. मौके पर रेलवे स्टेशन मैनेजर के साथ-साथ रेलवे के टीआई रवि भूषण, उप स्टेशन प्रबंधक शिशिर कुमार पांडेय, के.के. सिंह, मुकेश कुमार राज कुमार तथा एमएन ओझा मौजूद रहे.
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