पानी निकलवाने के स्थान पर वहां 2 फ़ीट मिट्टी डलवा दी. ऐसे में तात्कालिक लाभ तो मिला लेकिन, अब मामूली बारिश हो जाने के बाद भी यहां की स्थिति नारकीय हो गई है. अनाज लदे ट्रक इस मिट्टी में फंस जाने के बाद जहां उन्हें निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है वहीं, कीचड़ तथा पानी जमा होने के कारण उसमें पनप रहे मच्छर शाम होते ही लोगों का जीना मुहाल कर देते हैं.
- पक्की सड़क पर डाली गई मिट्टी बन रही समस्या का कारण, सुरक्षा व्यवस्था तथा अन्य इंतजाम भी नाकाफी
- गोदाम छोड़कर दूसरे जगह पर शिफ्ट हो रहे व्यापारी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिला मुख्यालय में स्थित बाजार समिति अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. देश के कोने-कोने में बक्सर के राजपुर, डुमरांव व नावानगर क्षेत्र का मशहूर चावल, गंगा दियारे का रहर, इटाढ़ी लाल चना तथा अन्य अनाज पहुंचाने के लिए विख्यात बाजार समिति अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. बाजार समिति में प्रवेश करने के बाद ही व्यवस्थाओं की खामियां साफ तौर पर देखने को मिलती है. सड़कों पर कीचड़ मच्छरों का प्रकोप तथा गंदगी पसरी हुई है ऐसे में यहां अनाज की खरीद बिक्री करने वाले व्यापारियों के साथ-साथ आगंतुकों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ रही है स्थानीय व्यापारी अरविंद कुमार के मुताबिक कई व्यापारी बाजार समिति के गोदाम छोड़कर दूसरे जगहों पर शिफ्ट हो चुके हैं.
चुनाव के दौरान पक्की सड़क पर डलवा दी गई 2 फ़ीट मिट्टी:
विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव के दौरान बाजार समिति में ही वज्रगृह बनाया जाता है, इस दौरान गोदामों को खाली करवा कर उनमें ईवीएम को मतों की गिनती के लिए सुरक्षित रखा जाता है. स्थानीय निवासी विजय बहादुर प्रसाद ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में गोदाम के समीप एक सड़क पर पानी का जमाव देखकर अधिकारियों ने पानी निकलवाने के स्थान पर वहां 2 फ़ीट मिट्टी डलवा दी. ऐसे में तात्कालिक लाभ तो मिला लेकिन, अब मामूली बारिश हो जाने के बाद भी यहां की स्थिति नारकीय हो गई है. अनाज लदे ट्रक इस मिट्टी में फंस जाने के बाद जहां उन्हें निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है वहीं, कीचड़ तथा पानी जमा होने के कारण उसमें पनप रहे मच्छर शाम होते ही लोगों का जीना मुहाल कर देते हैं.
72 एकड़ में फैले बाजार समिति में होती थी धान की उन्नत खेती अब सुरक्षा का भी नहीं है प्रबंध:
स्थानीय व्यापारी कामेश्वर सिंह बताते हैं कि बाजार समिति का कुल क्षेत्रफल 72 एकड़ है जिसमें तकरीबन 40 से ज्यादा गोदाम बने हुए हैं और लगभग 200 मजदूरों की प्रतिदिन की आमदनी का एकमात्र जरिया बाजार समिति ही है लेकिन, वर्ष 2014 में बाजार समिति एक्ट खत्म हो जाने के बाद इसकी देखरेख तथा सुरक्षा का इंतजाम भी नहीं हो रहा. व्यापारी बताते हैं कि पहले यहां 46 एकड़ में उन्नत किस्म की धान उगाई जाती थी जिस से होने वाली आमदनी बाजार समिति के रखरखाव में खर्च होती लेकिन अब ऐसा नहीं है.
दिन भर लगा रहता है असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं:
दुकानदार तथा व्यापारी बताते हैं कि, यहां दिनभर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. गांजा पीते तथा जुआ खेलते लोग दिनभर जहां बैठे रहते हैं. ऐसे लोगों पर किसी भी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होती. ना ही यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम हैं. पहले जहां गोदाम फुल हो जाने के बाद वह बाहर भी अनाज की बोरियां रखवा देते थे लेकिन, अब यहां सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऐसा सोचना भी संभव नहीं है.
बाजार समिति के रखरखाव के लिए निर्गत की गई राशि का भी कुछ अता पता नहीं:
अनाज व्यापारी अशोक कुमार सिंह हैं कि, वर्ष 2019 में बाजार समिति के रखरखाव के लिए 11 करोड़ रुपये की राशि सरकार के द्वारा निर्गत किए जाने की बात कही गई थी लेकिन, उस राशि से बाजार समिति की व्यवस्थाओं को कितना सुदृढ किया गया है यह साफ तौर पर देखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार भले ही किसानों व कृषि से जुड़े लोगों की भलाई के लिए लंबे-चौड़े दावे करे लेकिन ऐसा धरातल पर नहीं है.
कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी
बाजार समिति में जलजमाव की समस्या होने पर जिला पदाधिकारी के द्वारा नप कार्यपालक पदाधिकारी को व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद जेसीबी भेजकर सफाई आदि कराई गई थी. अगर अभी भी दिक्कत बनी हुई है तो रोड़ा आदि डालकर व्यवस्था को दुरुस्त कराने के साथ ही साफ-सफाई कराई जाएगी.
कृष्ण कुमार उपाध्याय
अनुमंडल पदाधिकारी,
बक्सर (सदर)
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