कोरोना ने छीन लिए मां-बाप तो अपनों ने मासूम को ट्रेन में लावारिस छोड़ा ..

कपड़ों के साथ एक पर्ची रखी हुई थी, जिसमें लिखा हुआ था कि बच्चे के माता-पिता कोरोना संक्रमण के शिकार होकर काल कलवित हो गए हैं. ऐसे में इसका कोई नहीं है. साथ ही छोड़ने वाले ने मासूम पर तरस खाते हुए उसके साथ एक झोला छोड़ा था जिसमें आधा लीटर दूध, एक दूध पिलाने वाली बोतल और कुछ चीनी रखा हुआ था.

 




- चाइल्डलाइन के सहयोग से बच्ची को दत्तक ग्रहण संस्थान भेजने की तैयारी
- पटना मुगलसराय पैसेंजर ट्रेन से बरामद की गई बच्ची

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना संक्रमण ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है. कई लोगों ने अपने स्वजनों को खोया है तो कई मासूमों के सिर से माता-पिता का साया भी उठ गया है. ऐसे में अपनों को खोने वालों के समक्ष कई विकट परिस्थितियां सामने आई हैं, जिनका उन्हें कोई निदान दिखाई नहीं दे रहा. इन परिस्थितियों में रिश्तों को बचाना भी मुश्किल हो रहा है.

इसी तरह का एक मामला उस वक्त सामने आया जब शुक्रवार की सुबह पटना-मुगलसराय सवारी गाड़ी 02329 अप में बरुना रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन की सीट पर लावारिस हालत में तकरीबन डेढ़ माह की एक बच्ची बरामद की गई. जिस बच्ची को बरामद किया गया उसके कपड़ों के साथ एक पर्ची रखी हुई थी, जिसमें लिखा हुआ था कि बच्चे के माता-पिता कोरोना संक्रमण के शिकार होकर काल कलवित हो गए हैं. ऐसे में इसका कोई नहीं है. साथ ही छोड़ने वाले ने मासूम पर तरस खाते हुए उसके साथ एक झोला छोड़ा था जिसमें आधा लीटर दूध, एक दूध पिलाने वाली बोतल और कुछ चीनी रखा हुआ था.

संयोगवश उसी ट्रेन में चाइल्ड लाइन की कार्यकर्ता सोनी पांडेय भी सफर कर रही थी. उन्होंने जब मासूम बच्ची को देखा और उन्हें उसके पास से मिली चिट्ठी के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने बच्ची को अपनी अभिरक्षा में लेकर आरपीएफ को तत्काल इस बात की सूचना दी. जिसके बाद चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के निर्देश पर बच्ची को स्वास्थ्य जांच के लिए सदर अस्पताल के एन.आई.सी.यू.में भर्ती कराया गया. चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के प्रभारी चेयरमैन डॉ. शशांक शेखर तथा सदस्य नवीन पाठक ने बताया कि बच्ची को आरा स्थित दत्तक ग्रहण संस्थान भेज दिया जाएगा.










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