वीडियो: गंगा के पानी में कोरोना वायरस !

जिले के चौसा के समीप गंगा नदी में सैकड़ों की संख्या में कथित तौर पर संक्रमित व्यक्तियों की लाश बहाए जाने के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि गंगा के पानी में भी संक्रमण फैल सकता है. जिसको लेकर लॉकडाउन के दौरान गंगा में स्नान आदि पर रोक लगाई गई थी लेकिन, इसी बीच लखनऊ के सीवेज कोरोना वायरस पाए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि पानी में भी वायरस रह सकता है और अनंत काल तक जिंदा रह सकता है. 

 






- चौसा से लेकर बक्सर तक हरे रंग का हो गया है गंगा का पानी
- शवों को बहाए जाने से प्रदूषित होने की जताई जा रही आशंका

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के चौसा के समीप गंगा नदी में सैकड़ों की संख्या में कथित तौर पर संक्रमित व्यक्तियों की लाश बहाए जाने के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि गंगा के पानी में भी संक्रमण फैल सकता है. जिसको लेकर लॉकडाउन के दौरान गंगा में स्नान आदि पर रोक लगाई गई थी लेकिन, इसी बीच लखनऊ के सीवेज कोरोना वायरस पाए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि पानी में भी वायरस रह सकता है और अनंत काल तक जिंदा रह सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी के पानी की शुद्धता की जांच के लिए बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने पानी के नमूने का संग्रह किया है. बक्सर के विभिन्न गंगा घाटों के साथ-साथ भोजपुर प्रथा पटना में भी पानी के नमूने संग्रहित कर जांच के लिए भेजा गया है. 


देखा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से गंगा नदी का पानी हरे रंग का हो गया है. ऐसा लग रहा था जैसे नदी के जल पर काई लगी हो. स्थानीय लोगों तथा पुजारियों के द्वारा यह बताया गया कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में जल का नमूना भेजा गया है. अपनी जांच में वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश करेंगे इस संक्रमण के चलते मौत होने के बाद यदि किसी व्यक्ति का शव गंगा में बहाया गया हो तो क्या उससे पानी दूषित हुआ है अथवा पानी दूषित होने का कोई और भी कारण है. यहां बता दें कि पिछले दिनों भारी संख्या में लोगों ने गंगा नदी में शवों को बहाया था, जिसके बाद देश के साथ साथ विश्व में भी यह चर्चा का विषय बन गया था. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा शवों को निकालकर दफना दिया गया हालांकि, शव इतने क्षत-विक्षत हो चुके थे कि उनकी कोविड-19 टेस्टिंग भी नहीं हो सकी. बाद में काफी हो-हल्ला होने के बाद अब शवों के बहाए जाने का सिलसिला भी बंद हो गया है लेकिन, इसी बीच गंगा के पानी का रंग बदल गया जिसने सभी को चिंतित कर दिया है.







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