चुनाव पूर्व पंचायत परामर्श समिति के निर्माण का प्रबुद्ध जनों ने किया स्वागत ..

15 जून तक जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने वाला है. बता दें कि बिहार में ढाई लाख जनप्रतिनिधि हैं. बताया जा रहा है कि यहां केवल पदनाम बदला है जबकि, मुखिया जी पहले की तरह ही कार्य करा सकेंगे हालांकि, कार्यकारी समिति में सरकार के प्रतिनिधि भी रहेंगे लेकिन, उन्हें मतदान आदि का अधिकार नहीं होगा.

 




- कहा, इस व्यवस्था से नहीं बाधित होंगे विकास कार्य
- भाजपा नेता ने कहा, चुना गया है सर्वोत्तम विकल्प

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार में पंचायत चुनाव न होने की स्थिति में मुखिया और सरपंच के कार्यकाल को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. वहीं अब मंत्री सम्राट चौधरी ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है. मंत्री ने कहा है कि राज्य में मुखिया और सरपंच के चुनाव न होने पर परामर्श समिति बनाई जाएगी. उनके इस फैसले का प्रबुद्ध जनों ने स्वागत किया है लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद ने इस फैसले का स्वागत किया है वहीं, भाजपा नेता ओमप्रकाश भुवन ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि उन्होंने विकल्पों में से सर्वोत्तम लोकतांत्रिक विकल्प अपनाया है. अधिवक्ता उमेश कुमार ने भी इस व्यवस्था को सही ठहराया है तथा कहा है कि इससे विकास कार्य बाधित नहीं होंगे.




दरअसल, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि, बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शीसमिति का गठन किया जाएगा. बताया जा रहा है कि 15 जून के बाद यही समिति गांव की सत्ता संभालेगी.

पंचायत चुनाव का टलना तय - बिहार में कोरोना संकट काल के बीच पंचायत चुनाव का टलना तय माना जा रहा है. राज्य में आठ जून तक कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं, 15 जून तक जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने वाला है. बता दें कि बिहार में ढाई लाख जनप्रतिनिधि हैं. बताया जा रहा है कि यहां केवल पदनाम बदला है जबकि, मुखिया जी पहले की तरह ही कार्य करा सकेंगे हालांकि, कार्यकारी समिति में सरकार के प्रतिनिधि भी रहेंगे लेकिन, उन्हें मतदान आदि का अधिकार नहीं होगा.








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