वीडियो: थल सेना के लेफ्टिनेंट शुभम सिंह का गृह जिले में आगमन पर हुआ भव्य स्वागत ..

वह 12 जून को भारतीय सैन्य अकैडमी देहरादून से पासिंग आउट परेड के बाद सेना में कमीशन ऑफिसर बने थे. अपने गृह जिले पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता सोना देवी पिता शमशेर बहादुर व परिवार के सभी सदस्यों को दी.




- शुभम ने माता-पिता को दीया सफलता का श्रेय
- पठानकोट में हुई है शुभम की पहली पोस्टिंग

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: ब्रह्मपुर प्रखंड के बगेन गांव के रहने वाले शुभम कुमार सिंह का चयन भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर हुआ है लेकिन, बनने के बाद पठानकोट में उनकी पहली पोस्टिंग हुई इसके पूर्व को वह 12 जून को भारतीय सैन्य अकैडमी देहरादून से पासिंग आउट परेड के बाद सेना में कमीशन ऑफिसर बने थे. अपने गृह जिले पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता सोना देवी पिता शमशेर बहादुर व परिवार के सभी सदस्यों को दी.



उसकी सफलता से चाचा भाजपा जिला महामंत्री इंद्रजीत बहादुर सिंह और बड़े भाई विश्वजीत बहादुर सिंह समेत सभी परिजन व स्थानीय ग्रामीण गदगद है. शुभम के पिता शमशेर बहादुर सिंह एक अच्छे किसान है. शुभम ने पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा पास कर लेफ्टिनेंट बनकर अपने खानदान सहित पूरे जिले का नाम रौशन किया है. लेफ्टिनेंट बने शुभम कुमार सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि सामाजिक एवं राजनीतिक रही है. शुभम कुमार सिंह ब्रह्मपुर प्रखंड के बगेन गांव के उस प्रतिष्ठित परिवार से तालुक रखते हैं. जिस परिवार ने समाज कल्याण के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र और बगेन थाना के लिए जमीन दान दी है. शुभम की प्रारम्भिक शिक्षा बक्सर डीएवी स्कूल से कक्षा पांचवी तक हुई उसके बाद वे राजस्थान के कोटा चले गए, जहां से गुजरात के जामनगर स्थित सैनिक स्कूल में दाखिला लिया. यहां से उन्होंने मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा निकलने के बाद एनडीए की तैयारी शुरू की. वही, एनडीए पास करने के बाद पुणे में तीन साल की ट्रेनिग और एक वर्ष देहरादून में ऑफिसर ट्रेनिग पूरी करने के बाद कल यानी 12 जून को लेफ्टिनेंट बने.

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