मशीन इंस्टॉल किए जाने के बाद भी नहीं शुरू हुआ आरटीपीसीआर टेस्ट ..

आरटीपीसीआर मशीन से टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी का होना आवश्यक है. एक स्वास्थ्य कर्मी को प्रशिक्षण भी प्रदान कराया गया है. उन्होंने दिल्ली जाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया है हालांकि, केवल उनके भरोसे टेस्ट कैसे हो पाएगा यह स्पष्ट नहीं हो पाया है क्योंकि, टेस्ट के लिए तीन शिफ्ट में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जानी है. ऐसे में कम से कम 6 कर्मियों की आवश्यकता होगी.

 





- कर्मियों की भी नहीं हुई प्रतिनियुक्ति, धूल फांक रही है मशीन
- कई दिनों पूर्व ही लाई जा चुकी है मशीन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: संक्रमण काल तेजी से घट रहे संक्रमितों के आंकड़ों के बीच अब स्वास्थ्य विभाग भी बहुत ज्यादा तत्परता नहीं दिखा रहा. इसका बड़ा उदाहरण जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट शुरू नहीं किए जाने के रूप में देखा जा सकता है. मशीन के इंस्टॉलेशन के बाद भी अब तक टेस्ट नहीं शुरू हो सका है. ऐसे में अब भी आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए लोगों को एक हफ्ते से 10 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है.

बताया जा रहा है कि आरटीपीसीआर मशीन से टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी का होना आवश्यक है. एक स्वास्थ्य कर्मी को प्रशिक्षण भी प्रदान कराया गया है. उन्होंने दिल्ली जाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया है हालांकि, केवल उनके भरोसे टेस्ट कैसे हो पाएगा यह स्पष्ट नहीं हो पाया है क्योंकि, टेस्ट के लिए तीन शिफ्ट में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जानी है. ऐसे में कम से कम 6 कर्मियों की आवश्यकता होगी.



कमजोर इच्छा शक्ति बन रही कारण:

बताया जा रहा है कि मशीन लगाए जाने के बावजूद टेस्ट नहीं हो पाना अधिकारियों की कमजोर इच्छा शक्ति का परिणाम है. दबी जुबान में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का कहना है कि मशीन इंस्टॉल किए जाने के बाद भी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति आदि के बारे में अब तक कोई रणनीति नहीं बनाई गई है. ऐसे में पूर्व से लगाई गई अन्य मशीनों की तरह यह मशीन भी धूल फांक रही है.

केवल एंटीज़ेन एवं ट्रूनेट जांच की है व्यवस्था:

सदर अस्पताल में वर्तमान में संक्रमण की जांच के लिए एंटीजन टेस्ट किट का सहारा लिया जाता है. इससे कुछ ही मिनटों में संक्रमण की जांच हो जाती है लेकिन, और भी बेहतर तरीके से जांच करने के लिए ट्रूनेट मशीन की व्यवस्था की गई है इससे कुछ घंटों में जांच रिपोर्ट मिलती है वहीं, आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए स्वाब का नमूना देने पर उसकी जांच जांच रिपोर्ट 8 से 10 दिनों में मिल पाती है क्योंकि, वह रिपोर्ट पटना से आती है. ऐसे में यदि जिले में ही यह सेवा शुरू हो जाए तो 8 से 10 घंटों के अंदर आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी.

इस बाबत पूछे जाने के लिए सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ के सरकारी नंबर पर कई बार फोन किया गया लेकिन, उनसे संपर्क नहीं होने के कारण इस संदर्भ में उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.








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