वीडियो: राज्य खाद्य निगम का गोदाम फुल, सड़क पर किसानों की मेहनत ..

गेहूं के ट्रक भरकर कई दिनों से बाजार समिति रोड स्थित गोदाम के परिसर में खड़े हैं. बताया जा रहा है कि ट्रक खाली नहीं होने के कारण नए किसानों से गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है. इतना ही नहीं ट्रक संचालकों को प्रतिदिन का किराया भी देना पड़ रहा है कई ट्रक पांच-छह दिन से बाजार समिति के परिसर में खड़े हैं. ऐसे में पैक्स के द्वारा ट्रक संचालकों को हजारों रुपये का भुगतान यूं ही किया जा चुका है. 




- गेहूं को लादकर कई दिनों से खड़े हैं पैक्स से पहुंचे ट्रक
- असमंजस में पड़े हैं पैक्स संचालक, नहीं हो पा रही नई खरीद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां गेहूं अधिप्राप्ति के लिए सभी पैक्सों को निर्देशित किया गया है वहीं, दूसरी तरफ सिस्टम के फेर में यह निर्देश कार्यान्वित नहीं हो पा रहा है. दरअसल, जिन पैक्सो के द्वारा किसानों के गेहूं की खरीद की गई है उनके द्वारा अब तक उन्हें सरकारी गोदामों में रखवाया तक नहीं जा सका है बताया जा रहा है कि गोदामों में जगह नहीं है. गेहूं के ट्रक भरकर कई दिनों से बाजार समिति रोड स्थित गोदाम के परिसर में खड़े हैं. बताया जा रहा है कि ट्रक खाली नहीं होने के कारण नए किसानों से गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है. इतना ही नहीं ट्रक संचालकों को प्रतिदिन का किराया भी देना पड़ रहा है कई ट्रक पांच-छह दिन से बाजार समिति के परिसर में खड़े हैं. ऐसे में पैक्स के द्वारा ट्रक संचालकों को हजारों रुपये का भुगतान यूं ही किया जा चुका है. 



एसटीआर कटने के बाद ट्रकों में गेहूं भरकर ले आए हैं पैक्स संचालक:

बताया जा रहा है कि राज्य खाद्य निगम के द्वारा सभी पैक्स संचालकों को एसटीआर (टोकन) काट कर दिया जा चुका है, जिसके बाद सभी पैक्सों के द्वारा राज्य खाद्य निगम के गोदाम में जमा करने के लिए ट्रकों में भरकर गेहूं भेजा गया है लेकिन, गोदामों में जगह नहीं होने के कारण गेहूं लदे ट्रक कई दिनों से परिसर में खड़े हैं। ऐसे में एक तरफ जहां मौसम के खराब होने पर गेहूं खराब होने का खतरा है वहीं, दूसरी तरफ प्रतिदिन प्रति संचालकों को हजारों रुपयों का भुगतान करना पड़ रहा है.




सहकारिता विभाग के द्वारा सिस्टम फॉलो नहीं करने के कारण बनी स्थिति:

एसएफसी के जिला महाप्रबंधक बी. के. प्रभाकर के अनुसार सहकारिता विभाग के द्वारा सिस्टम को दुरुस्त नहीं किए जाने के चलते इस तरह की स्थिति पैदा हो रही है उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य खाद्य निगम के सभी गोदाम फुल हैं. जैसे-जैसे अनाज दूसरे जगहों पर भेजा जा रहा है वैसे वैसे जगह बन रही है और ट्रकों से गेहूं उतार कर रखवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब सब व्यवस्था ऑनलाइन है. ऐसे में गोदाम में जगह है अथवा नहीं यह ऑनलाइन ही देखा जा सकता है. सहकारिता विभाग चाहे तो इसकी मॉनिटरिंग कर सकता है लेकिन, ऐसा नहीं होता है जिसके कारण पैक्स संचालक सीधे गेहूं लेकर बेचने के लिए पहुंच जाते हैं और जगह नहीं होने के कारण उन्हें कई कई दिन यूं ही खड़ा रहना पड़ता है.

मुंगेर जा रहा 12 हजार मैट्रिक टन गेहूं:

एसएफसी के जिला महाप्रबंधक के मुताबिक 12 हजार मैट्रिक टन गेहूं को मुंगेर भेजा जा रहा है, जिसके बाद गोदाम खाली होने के बाद वर्तमान में परिसर में खड़े ट्रकों का गेहूं रखवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जब तक गोदाम में जगह नहीं हो तब तक गेहूं को उतरवाकर परिसर में कहीं रखवाना नुकसानदायक हो सकता है. यदि बारिश आदि हुई तो गेहूं खराब हो सकता है. उन्होंने बताया कि पैक्स संचालकों के द्वारा भी एक ही साथ सभी जगहों से गेहूं लेकर आ जाने के कारण इस तरह की स्थिति हुई है.

कहते हैं अधिकारी:

पैक्स संचालक ऑनलाइन यह देख सकते हैं कि, गोदाम में जगह है अथवा नहीं. उसके बाद ही वह गेंहू लेकर आए तो इस तरह की स्थिति नहीं होगी. हालांकि, जैसे-जैसे गोदाम खाली हो रहा है गेहूं रखवाया जा रहा है.

बी.के. प्रभाकर
जिला महाप्रबंधक,
राज्य खाद्य निगम

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