रेलवे द्वारा नाला निर्माण का कार्य रुका, पांडेय पट्टी में जल प्रलय जैसी स्थिति ..

बताया कि पट्टी की प्रत्येक गली धीरे-धीरे जल जमाव का शिकार हो रही है जबकि, रेलवे द्वारा कच्चा नाला बनाए जाने के बाद तत्कालिक तौर पर जल निकासी की समस्या का समाधान होने की उम्मीद जगी थी. निर्माण पूरा नहीं होने के कारण जल प्रलय जैसी स्थिति हो गई.
पांडेय पट्टी में सड़क पर झील से नज़ारा

 





- रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण बन रहा निर्माण में बाधक
- मामले को लेकर हाईकोर्ट में दायर की गई थी जनहित याचिका

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पांडेय पट्टी में व्याप्त जलजमाव की समस्या को लेकर पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद रेलवे की तरफ से कच्चा नाला बनाए जाने की शुरुआत तो कर दी गई लेकिन, शुरुआत होने के 15 दिनों बाद भी तक नाले का निर्माण पूरा नहीं हो सका. बताया जा रहा है कि रेलवे की जमीन में एक जगह अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसके कारण कार्य रुक गया है. ऐसे में बरसात के मौसम में जलजमाव की समस्या विकराल होती जा रही है. स्थानीय निवासी विकास तिवारी ने बताया कि पट्टी की प्रत्येक गली धीरे-धीरे जल जमाव का शिकार हो रही है जबकि, रेलवे द्वारा कच्चा नाला बनाए जाने के बाद तत्कालिक तौर पर जल निकासी की समस्या का समाधान होने की उम्मीद जगी थी. निर्माण पूरा नहीं होने के कारण जल प्रलय जैसी स्थिति हो गई.
छोटका नुआंव रेलवे क्रॉसिंग के पास रुका नाली निर्माण का कार्य


उधर, इस मामले में पूछे जाने पर रेलवे के वरीय अनुभाग अभियंता के. बी तिवारी  ने बताया कि नाले का निर्माण तेजी से किया जा रहा है जिसे ले जाकर ठोरा नदी में मिला देना है लेकिन, छोटका नुआंव रेलवे क्रॉसिंग के समीप रेलवे की जमीन पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लेने की वजह से नाली का निर्माण रुक गया है. ऐसे में जल्द ही कोई रास्ता निकालते हुए निर्माण पूरा किया जाएगा.

बता दें कि, पांडेय पट्टी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय तिवारी ने पांडेय पट्टी में वर्षों से व्याप्त जलजमाव की समस्या को लेकर पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद न्यायालय के द्वारा रेलवे तथा स्थानीय अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाकर इस समस्या को हल करने का निर्देश दिया गया था.









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