वीडियो: 6 पदों के लिए बिहार, यूपी समेत पड़ोसी जिलों से पहुंचे 1 हज़ार शिक्षक नियोजन अभ्यर्थी ..

प्रखंड के साथ-साथ पंचायतों के नियोजन की भी सेंट्रलाइज व्यवस्था हो ताकि यदि किसी का चयन बक्सर अथवा डुमरांव में नहीं हो तो वह किसी दूसरे प्रखंड में नियोजन के लिए प्रयास कर सके. सेंट्रलाइज व्यवस्था नहीं करने से अभ्यर्थियों को मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ती है.

 




- डुमरांव नियोजन इकाई के द्वारा एमपी उच्च विद्यालय में हुई काउंसलिंग
-  सेंट्रलाइज्ड नियोजन की व्यवस्था करने की जोर शोर से उठी मांग


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नियोजन की स्थिति से पूरी तरह संतोषजनक नहीं हैं. प्रखंड के साथ-साथ पंचायतों के नियोजन की भी सेंट्रलाइज व्यवस्था हो ताकि यदि किसी का चयन बक्सर अथवा डुमरांव में नहीं हो तो वह किसी दूसरे प्रखंड में नियोजन के लिए प्रयास कर सके. सेंट्रलाइज व्यवस्था नहीं करने से अभ्यर्थियों को मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ती है. यहां नियोजन नहीं होने पर उन्हें भागकर दूसरे स्थान पर जाना पड़ेगा. यह कहना है अपनी पत्नी के शिक्षक नियोजन के लिए एमपी हाई स्कूल में पहुंचे नगर के नेहरु नगर निवासी माइकल का.यही बातें नगर के ही रहने वाले राजेश कांत ठाकुर ने भी दोहराई.

तीन विषयों को मिलाकर 6 शिक्षकों की करनी थी नियुक्ति, पहुंचे तकरीबन 1 हज़ार:

दरअसल, बिहार नगर प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के तहत डुमरांव नगर परिषद नियोजन इकाई के द्वारा वर्ग 6 से 8 तक के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग जिला मुख्यालय के एमपी हाई स्कूल में की गई. इस दौरान सामाजिक विज्ञान, गणित तथा विज्ञान विषयों के लिए 6 शिक्षकों की रिक्तियों के आलोक में अभ्यर्थियों को बुलाया गया था. मौके पर मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सामाजिक विज्ञान विषय के लिए पिछड़ा वर्ग से 2 रिक्तियां थी वहीं, गणित व विज्ञान के लिए 4 रिक्तियां थी, जिनमें सामान्य महिला, पिछड़ा जाति महिला तथा अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों का चयन किया जाना है. जिसके आलोक में जहां सामाजिक विज्ञान विषय के लिए 638 अभ्यर्थी पहुंचे थे वहीं, गणित तथा विज्ञान विषय के लिए 328 अभ्यर्थी एमपी उच्च विद्यालय में पहुंचे थे. यह अभ्यर्थी विभिन्न जगहों से थे. कुछ सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश से भी पहुंचे थे. नियोजन का कार्य दिन में तकरीबन 1 बजे तक समाप्त हो गया, जिसके बाद कागजातों के मिलान आदि का कार्य किया गया पूरी प्रक्रिया संध्या 5 बजे तक चली.


कार्यरत थे हेल्प डेस्क, मौजूद रहे अधिकारी:

अभ्यर्थियों की भीड़ देखते हुए सुरक्षा के भी इंतजाम किए हुए थे. इसके अतिरिक्त हेल्प डेस्क का निर्माण कराया गया वहीं, दूसरी तरफ विधि व्यवस्था संधारण के लिए दंडाधिकारी के रूप में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रोहित कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया था वहीं, मौके पर नए एडीएम, जिला शिक्षा पदाधिकारी द्विजेश कुमार चौधरी, डुमरांव नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार तथा एमपी उच्च विद्यालय के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार मिश्रा मौजूद रहे.

अभ्यर्थियों ने बताई अपनी-अपनी समस्याएं, दिए सुझाव:

डुमरांव से सामाजिक विज्ञान विषय में नियुक्ति के लिए आए उदय कुमार ने बताया कि, यहां कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था करनी चाहिए ताकि केवल वही लोग पहुंचे जिनके काउंसलिंग होनी हो. अनावश्यक भीड़ लगने से एक तरफ जहां अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है वहीं, अधिकारी भी परेशान रह रहे हैं. भभुआ से सामाजिक विज्ञान विषय की अभ्यर्थी कंचन राय ने बताया कि यहां बुला कर केवल परेशान किया जा रहा है. जब सामाजिक विज्ञान में केवल 2 रिक्तियां थी तो इतनी संख्या में लोगों को बुलाने का क्या मतलब है. चौगाईं से पहुंचे सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थी राजकुमार ने बताया कि, सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों का बहुत कम संख्या में नियोजन किया जाना कहीं ना कहीं मानसिक रूप से उन्हें परेशान कर रहा है. सरकार को चाहिए कि वह सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थियों को भी आगे लाएं.



जानकारी के अभाव में परेशान रहें यूपी से आए अभ्यर्थी:

बक्सर से आए दीपक कुमार पांडेय बताते हैं कि, हेल्पडेस्क केवल नाम मात्र का है. यहां पर अधिकारियों को बहुत सारी बातों की जानकारी नहीं है. ऐसे में अभ्यर्थी ही काफी परेशान होते रहे. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के जवैनिया गांव से अपनी बेटी सुप्रिया सिंह की काउंसलिंग कराने पहुंचे प्रेम शंकर सिंह बताते हैं कि, शासनादेश में कहीं यह नहीं लिखा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थी फॉर्म नहीं भर सकते हैं लेकिन, नियोजन के समय अधिकारी जानकारी नहीं होने की बात कह कर टरका रहे हैं जबकि, उनकी पुत्री के अंक सबसे उच्चतम हैं. उन्होंने बताया कि बच्ची बरेली में पढ़ती है जहां से वह उसे लेकर 1 दिन पहले से ही आए हुए हैं. वहां भी 8 अगस्त को पीजीटी की परीक्षा है यदि यहां काउंसलिंग नहीं होती है तो निश्चित रूप से भागदौड़ बढ़ जाएगी.

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