वीडियो: बक्सर में मानवता शर्मसार: इलाज करने के बदले दुर्गंध आने पर मरीज के जख्म पर डाला फिनाइल ..

उसके पास से ऐसा कोई पहचान अथवा प्रमाण पत्र नहीं मिला जिससे कि यह ज्ञात हो सके कि वह कहां का रहने वाला है और यहां कैसे पहुंचा? घायल को अस्पताल पहुंचा कर जीआरपी ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री तो कर ली लेकिन, अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा उसके इलाज में घोर लापरवाही बरती गई.


 




- डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल की है घटना
- मामले में सिविल सर्जन ने कही जांच की बात

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकारी अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो पहल की थी, उसका साकार स्वरूप अब अस्पताल की बहुमंजिला इमारतों के रूप में नजर आने लगा है. अस्पताल के जर्जर भवनों की अवस्था सुधारने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने चिकित्सकीय सेवा तथा दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित कराने के लिए भी पूरे इंतजाम कराए हैं. बावजूद इसके चिकित्सकों तथा चिकित्सा पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं जो न सिर्फ चिकित्सा पेशे को कलंकित करती है बल्कि, मानवता को भी शर्मसार कर देती हैं.

ऐसा ही एक मामला डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में फिर सामने आया है जब पिछले 10 दिनों से इलाज के अभाव में तड़प रहे एक व्यक्ति के शरीर से बदबू आने पर अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों के द्वारा उसके शरीर पर फिनाइल डाल दिया गया. ऐसा करके भले ही दुर्गंध से मुक्ति पा ली गई हो लेकिन, अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है. वह भी तब जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बक्सर के प्रभारी मंत्री हो और सांसद अश्विनी चौबे केंद्र में स्वास्थ्य राज्य मंत्री का पद सुशोभित कर रहे हो.

बताया जा रहा है कि 10 दिन पूर्व ट्रेन से गिरकर घायल एक व्यक्ति को जीआरपी के द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसकी भाषा से ऐसा लग रहा था कि, वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है हालांकि, उसके पास से ऐसा कोई पहचान अथवा प्रमाण पत्र नहीं मिला जिससे कि यह ज्ञात हो सके कि वह कहां का रहने वाला है और यहां कैसे पहुंचा? घायल को अस्पताल पहुंचा कर जीआरपी ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री तो कर ली लेकिन, अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा उसके इलाज में घोर लापरवाही बरती गई. बताया तो यह भी जा रहा है कि उसका इलाज ही नहीं किया गया. ऐसे में पड़े-पड़े उसके जख्म  सड़ने लगे और उनसे तेज दुर्गंध आने लगी. बाद में अस्पताल में इलाज रख अन्य मरीजों के परिजनों ने जब इसकी शिकायत की तो अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के जगह दुर्गंध से मुक्ति पाने का उपाय ढूंढा और घायल मरीज के जख्मों पर फिनाइल का छिड़काव शुरु कर दिया. 


मानवता को शर्मिंदगी का बोध कराने वाले इस घटना का वीडियो पास खड़े सामाजिक कार्यकर्ता अंबुज पांडेय के द्वारा बना लिया गया, जिसे बाद में डिजिटल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. दूसरी तरफ इस तरह के वीडियो के वायरल होने के बाद जब तक पत्रकार मौके पर पहुंचे तब तक अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मरीज को बेड पर से उतारकर बरामदे में फेंक दिया गया है. मामले में सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है. ऐसा करने वाले स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही साथ अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से भी शोकॉज़ किया जाएगा. बहरहाल, सिविल सर्जन के इस तरह के बयान के बावजूद समाचार लिखे जाने तक घायल व्यक्ति का इलाज नहीं शुरू हो सका है.
वीडियो:











Post a Comment

0 Comments