लोग अभी भी नर्क में जीने को विवश हैं. मंगलवार की सुबह हुई बारिश से पांडेय पट्टी में घुटनों भर पानी जमा हो गया. उन्होने कहा कि जल निकासी नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गंदे पानी में पलने वाले रोगाणु संक्रमण काल में लोगों को और भी डरा रहे हैं.
- स्थानीय निवासी ने लगाया अधिकारियों पर न्यायालय के आदेश की अवमानना का आरोप
- कहा, लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी स्थिति जस की तस
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर प्रखंड के पांडेय पट्टी ग्रामवासियों को अधूरा न्याय मिला है. रेलवे के द्वारा नाला निर्माण के नाम पर लाखों रुपयों का खर्च दिखा कर सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया गया है. यह सीधे तौर पर न्यायालय के आदेश की भी अवमानना है. यह कहना है पांडेय पट्टी निवासी संतोष ओझा का.
उन्होंने कहा कि पांडेय पट्टी गांव की जनता सदैव सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा द्वारा ठगी जाती रही है. एक बार फिर जनता के साथ क्रूर मजाक करने का कार्य किया गया है. पांडेय पट्टी गांव में जलजमाव की समस्या को लेकर सरपंच प्रतिनिधि के द्वारा पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, इसके बाद हाईकोर्ट ने रेलवे तथा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को 2 माह के अंदर लोगों को जलजमाव से मुक्ति दिलाने की बात कही लेकिन, रेलवे के अधिकारियों तथा स्थानीय प्रशासन के द्वारा तकरीबन 10 लाख रुपये का खर्च दिखाते हुए आनन-फानन में केवल दिखावे के लिए एक नाले का निर्माण कराया गया जिससे पांडेय पट्टी गांव की जल निकासी की समस्या का हल नहीं हो सका.
हालात यह हैं कि लोग अभी भी नर्क में जीने को विवश हैं. मंगलवार की सुबह हुई बारिश से पांडेय पट्टी में घुटनों भर पानी जमा हो गया. उन्होने कहा कि जल निकासी नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गंदे पानी में पलने वाले रोगाणु संक्रमण काल में लोगों को और भी डरा रहे हैं.
मामले में पूछे जाने पर रेलवे के अनुभाग अभियंता के.बी. तिवारी ने बताया कि जल निकासी के लिए 10 लाख रुपये की राशि खर्च कर जल निकासी का प्रबंध किया गया है. फिर भी अगर जल निकासी नहीं हो पा रही है तो उसके लिए स्थानीय प्रशासन को भी सहयोग करना चाहिए.
0 Comments