यह सरकारी निर्देश है और इसका अनुपालन सभी विभागीय अधिकारियों को बखूबी करना चाहिए लेकिन, ना तो विभागीय अधिकारी नियमों का अनुपालन कर रहे हैं और ना ही यहां के सांसद तथा विधायक इस पर कोई पहल कर रहे हैं. ऐसे में करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि का दुरुपयोग हो रहा है वहीं, बरसात के मौसम में कीचड़ व टूटी सड़कों के कारण जनता को भी परेशानी हो रही है
- सड़क निर्माण में नियमों की अनदेखी पर उठाए सवाल
- जलापूर्ति के नाम पर तोड़ी गई सड़कों का भी उठाया मुद्दा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "15 जून के बाद जमीन की खुदाई अथवा अलकतरा सड़क निर्माण नहीं किया जाता है. यह सरकारी निर्देश है और इसका अनुपालन सभी विभागीय अधिकारियों को बखूबी करना चाहिए लेकिन, ना तो विभागीय अधिकारी नियमों का अनुपालन कर रहे हैं और ना ही यहां के सांसद तथा विधायक इस पर कोई पहल कर रहे हैं. ऐसे में करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि का दुरुपयोग हो रहा है वहीं, बरसात के मौसम में कीचड़ व टूटी सड़कों के कारण जनता को भी परेशानी हो रही है." यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएन चौबे का.
उन्होंने बताया कि विभागीय नियमों के आलोक में अलकतरा सड़क का निर्माण बरसात के समय इसलिए नहीं किया जा सकता क्योंकि, वह सड़क टिकाऊ नहीं होगी लेकिन, पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के द्वारा नगर के मॉडल थाना चौक से लेकर सिंडिकेट तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है. बारिश के कारण कई जगह पर अलकतरा ठीक से जम नहीं पाया है और सड़क बनने के साथ ही उखड़ने लगी है. ऐसे में यह सड़क 1 साल भी चल जाए तो बहुत है. दूसरी तरफ शहरी जलापूर्ति योजना के अंतर्गत नगर के विभिन्न सड़कों को तोड़ दिया गया है और मिट्टी तथा को सड़क पर बिखेर दिया गया है. ऐसे में न सिर्फ आने जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. दूसरी तरफ सरकार की इस योजनाओं पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बक्सर के स्थानीय सांसद केंद्रीय मंत्री भी हैं साथ ही यहां कांग्रेस के दो-दो विधायक हैं जो नगर में ही निवास करते हैं, फिर भी जिला मुख्यालय में इस तरह की स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका इशारा सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी तथा राजपुर विधायक विश्वनाथ राम की तरफ था.
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