कहा कि अतिक्रमण हटाना कहीं से भी नाजायज नहीं है लेकिन, जिन लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है वह सभी लोग भूमिहीन हैं. उनके रहने के लिए कोई व्यवस्था करने के पश्चात ही उनका घर तोड़ना चाहिए था. उनके छोटे-छोटे बच्चे बरसात के इस मौसम में सड़क पर आ गए हैं.
- आगजनी कर किया सड़क जाम, घंटे भर करते रहे प्रदर्शन
- नेताओं ने कहा इंसानियत के नाते उपलब्ध कराई जाए जमीन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के नेहरू नगर मोहल्ले में अतिक्रमण हटाने के अभियान के चलाए जाने के पश्चात लोग आक्रोशित हो गए तथा खुद को भूमिहीन बता रहने हेतु जमीन की मांग तथा प्रशासन विरोधी नारेबाजी करते हुए पूरे परिवार के साथ सड़क जाम कर दिया, जिससे कि नगर की लाइफलाइन कहीं जाने वाली सड़क पर घंटों तक आवागमन बाधित रहा. बाद में प्रखंड विकास पदाधिकारी दीपचंद जोशी तथा नगर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार एवं यातायात प्रभारी अंगद सिंह एवं महिला तथा पुलिस बल मौके पर पहुंची तथा सड़क जाम को हटाए जाने का प्रयास शुरू कर दिया गया. काफी मशक्कत के बाद लोग मौके से हटे और जाम खत्म कराया जा सका.
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सड़क जाम कर विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि सरकार ने उन्हें अतिक्रमणकारी घोषित करते हुए उनके आशियानों को उजाड़ रही है लेकिन जहां वह कई दशकों से रहते चले आ रहे हैं वहां से हटाए जाने के बाद अब वह कहां जाएंगे? उनका सामान निकाल कर सड़क पर फेंक दिया गया है लेकिन उनको रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई.
स्थानीय निवासी राजीव रंजन ने कहा वह कई पीढ़ियों से यहां रहते चले आ रहे हैं उन्हें घरेलू गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, वॉटर सप्लाई कनेक्शन समेत नगर परिषद क्षेत्र में मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी प्राप्त हो रही हैं. उन्होंने बताया कि अचानक से एक नोटिस दी गई और उनके मकान को यह कहते हुए तोड़ दिया गया है कि वह अतिक्रमण है जबकि, मुख्य सड़क से लेकर मोहल्ले तक कई जगह लोगों ने लेकिन उसे नहीं हटाकर पक्षपात करते हुए केवल कुछ लोगों के मकानों को तोड़ा गया है.
स्थानीय निवासी उमेश राणा ने बताया कि निश्चित तौर पर यह पक्षपात पूर्ण रवैया है कि केवल कुछ लोगों का मकान अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया गया जबकि जिन्हें हटाया गया है वह बाल बच्चों के साथ सड़क पर आ गए ऐसे में उनके रहने के लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए.
छात्र नेता राजेश शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण हटाना कहीं से भी नाजायज नहीं है लेकिन, जिन लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है वह सभी लोग भूमिहीन हैं. उनके रहने के लिए कोई व्यवस्था करने के पश्चात ही उनका घर तोड़ना चाहिए था. उनके छोटे-छोटे बच्चे बरसात के इस मौसम में सड़क पर आ गए हैं.
उन्होंने चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि प्रशासन अगर आवास विहीन हो चुके वभूमिहीनों के लिए कहीं व्यवस्था कर देती है तो उचित होगा अन्यथा मजबूर लोगों के साथ सड़क पर उतरना ही पड़ेगा.
मामले में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी दीपचंद जोशी ने कहा कि सड़क जाम की सूचना पर वह मौके पर पहुंचे थे हालांकि, जिन लोगों के द्वारा अपने रहने के लिए भूमि की मांग की जा रही है उनके संदर्भ में अंचलाधिकारी ही कोई निर्णय ले सकती हैं.
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