वीडियो: कर्मनाशा ने मचाया कहर, चार दर्जन घरों में घुसा पानी, सिकरौल गाँव पानी से घिरा, संपर्क पथ डूबा ..

गांव के कई घरों तक आने-जाने का मार्ग डूब जाने से नौका से लोग आवागमन करने लगे जबकि, पानी की तीव्रता के साथ प्रशासन सुस्त रही वहीं, दूसरी तरफ क्षेत्र का सिकरौल गांव बाढ़ से घिर गया है. जहां मुख्य मार्ग से गांव जाने वाली सम्पर्क मार्ग पर चार फीट पानी चढ़ जाने से आवागमन बन्द पड़ गया.

 





- महादलित बस्ती के घरों में घुसा पानी, सुरक्षित स्थान की ओर प्रसार कर रहे लोग
- किसानों की फसलों के साथ-साथ पशु चारे को भी हुआ नुकसान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  कर्मनाशा में दूसरे दिन भी जलस्तर की बढ़ोतरी जारी रही. पानी बढ़ने की रफ्तार तेज होने से बनारपुर के निचले महादलित बस्ती के लगभग चार दर्जन से ऊपर घरों में बाढ़ का पानी अंदर समा गया है. जिससे ग्रामीण घर को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर डेरा जमाने लगे है. गांव के कई घरों तक आने-जाने का मार्ग डूब जाने से नौका से लोग आवागमन करने लगे हैं जबकि, पानी की तीव्रता के साथ प्रशासन सुस्त है. कई गांवों में मुख्य मार्ग से गांव जाने वाली सम्पर्क मार्ग पर चार फीट पानी चढ़ जाने से आवागमन बन्द पड़ गया.



शुक्रवार को कर्मनाशा में आई उफान से जहाँ दो चार घर व निचले तटों पर बनी झोपड़ियों में पानी समाया था वहीं, शनिवार को बढ़ते पानी की रफ्तार से चार दर्जन से अधिक घर पानी के जद में आ गए. कई नए घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. ग्रामीणों का कहना है कि पानी बढ़ने से लगभग चार दर्जन से ज्यादा कच्चे-पक्के घरों में बाढ़ का पानी समा गया है इसको लेकर लोगो का जन जीवन प्रभावित हुआ है और उनकी परेशानी बढ़ गई है. गांव के श्यामलाल चौधरी, अक्षयलाल, शुभदयाल चौधरी, नन्दकिशोर, मेड़ा, रामाशीष, जय प्रकाश, छेदी धोबी, मनौवर व अनवर धोबी, सोनू चौधरी, पुनिलाल, रामबली, रामशंकर, शंकर चौधरी आदि ने बताया की खेतो की फसल डूबने के साथ घरो में पानी समाने से पड़ोसियों के घरो में शरण लेनी पड़ी है. पानी की रफ्तार तेज होने से सामुदायिक भवन, आंगन बाड़ी केंद्र परिसर में पानी भरने लगा है.



कर्मनाशा में आयी बाढ़ के दूसरे दिन  पास के गांव सिकरौल में बाढ़ का प्रभाव जारी रहा. बाढ़ के पानी से गांव का पूरा क्षेत्र जलमग्न होने से गांव पूरी तरह से घिर गया है. वहीं, गांव का संपर्क मार्ग पानी से डूबने से पूरी तरह कट गया है हालांकि, इसके बावजूद भी गांव के लोग पानी में घुस उसी रास्ते से आवागमन कर रहे है, जिससे लोगों को जान पर जोखिम बना हुआ है. खेतों में लगी धान की फसल व पशुओं का चारा भी डूब गया है.

चौसा मोहनिया मार्ग पर बन्द हो सकता है आवागमन:

कर्मनाशा में आयी बाढ़ से वर्ष 2016 की याद ताजा हो जा रही है. अगर लगातार पानी बढ़ता रहा तो अगले आने वाले  10 घंटे में चौसा-मोहनिया मार्ग पर बाढ़ का पानी सड़क पर बहने लगेगा, जिससे वाहनों का भी आवागमन भी बन्द हो जायेगा. हालांकि, अभी पानी अखौरीपुर गोला के पास पानी सड़क से तकरीबन आधा फ़ीट नीचे है.

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